27 Feb 2020
चित्तौड़गढ़ दुर्ग की सुरक्षा के लिए वर्तमान में कुल 36 आर्म्ड और अनार्म्ड सुरक्षा गार्ड्स तैनात है। इनमें 12 आर्म्ड गार्ड्स तथा 24 अनार्म्ड गार्ड्स आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं। प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ दुर्ग को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित किया हुआ है, उसी के स्तर से इसकी व्यवस्था की हुई है। ढाई वर्ष पहले तक दुर्ग की सुरक्षा के लिए कोई आर्म्ड और अनार्म्ड सुरक्षा गार्ड्स कार्य नहीं कर रहे थे। विधायक श्री चन्द्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से प्राप्त सूचना के अनुसार विगत वर्षों में चित्तौड़गढ़ दुर्ग के इतिहास तथा पुरातात्विक एवं कलात्मक कृतियों से छेड़छाड़ की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, राजस्थान को भी इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। दुर्ग की सुरक्षा से सम्बंधित किसी विशिष्ट प्रकरण या शिकायत के प्रकाश में आने पर उसे एएसआई के संज्ञान में लाया जाएगा। राज्य में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण तथा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा संरक्षित चित्तौड़गढ़ दुर्ग, जैसलमेर का किला, कुम्भलगढ़ दुर्ग, भटनेर दुर्ग, मण्डोर दुर्ग, बयाना का किला और शेरगढ़ का किला संरक्षित है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग की पुरातात्विकता इतिहास को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा विगत 5 वर्षों में संरक्षण कार्य कराए गए हैं। चित्तौड़गढ़ दुर्ग में अवस्थित फतेहप्रकाश महल, संग्रहालय पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, राजस्थान द्वारा संचालित है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्थानीय जिला प्रशासन के साथ समय समय पर बैठक की जाती है एवं पुलिस की सहायता ली जाती है। आवश्यक जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। दुर्ग की सुरक्षा के लिए स्थायी पुरातत्व कर्मियों के अतिरिक्त 12 आर्म्ड एवं 24 अनार्म्ड गार्ड्स तैनात हैं।