14 Apr 2020
आज एक अत्यंत दुःखद सूचना #गुजरात के #अहमदाबाद_महानगर से मिली, जहां भारतीय जैन श्वेतांबर समाज की अतिश्रेष्ठ #विभूति, #कुलभूषण, जीवदया प्रेमी, मृदभाषी, श्रेष्ठीवर्य, #भामाशाह, शासन रत्न, सेनाधिकारी ऐटीएम, क्षमतावान ट्रस्टी श्री #आनंद_जी_कल्याण जी पेढ़ी, ट्रस्टी श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ, ऊर्जावान अग्रज, साधर्मिक बंधु एवं विशिष्ट मित्र परम सम्माननीय श्रीमंत कल्पेश भाई वी. शाह के पूज्य पिता श्री #वनमालीदास_गाडालाल जी शाह सांतेज का आकस्मिक निधन हो गया। देवतुल्य परम #आदरणीय बाऊजी साहब के देहावसान की सूचना से मैं गहरे शोक में हूं और स्वयं को भी टूटता हुआ महसूस किया। शासन शिरोमणी श्रीमंत बाऊजी सा. का #महाप्रयाण सकल समाज की भारी क्षति है, जिसकी पूर्ति सहजता में नहीं हो सकती। बड़ा दुःख इस बात का महसूस कर रहा हूॅ, कि लॉकडाउन के चलते अन्तिम दर्शन नहीं कर सका। शायद इसमें ईश्वर की ही कोई मर्जी रही होगी। लेकिन जीवन के अन्तिम क्षण तक मुझे यह बात बुरी तरह कचोटती रहेगी। बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व की दृष्टि से धर्म प्रेमी, जीवट पुरूषार्थी, कुशल नेतृत्वकर्ता, परम प्रतापी, तपस्वी श्रीमंत बाऊजी सा. के स्वर्गारोहण की यह सूचना सकल समाज के लिए ‘आकाशीय व्रजपात’ समान है। सर्वजाहिर है, कि अहमदाबाद से सम्पूर्ण गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देशभर में श्रीमंत बाऊजी सा. ने समग्र समाज की मजबूती एवं सेवार्थ जीवन पर्यन्त अतुलनीय योगदान किया, जो चिरकाल तक स्वर्णिम अक्षरों से अंकित रहेगा। निज जीवन काल में शासन को भी उन्होंने अनेकानेक विशिष्ठ कार्यों तथा उपादानों से नवाजा और कई प्रकार की जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक संभाला है। मोटे रूप से देखूं, तो ऐसा व्यक्तित्व एवं कृतित्व यकायक कहीं देखने को नहीं मिलता। इसके लिए समाज उनका सदैव ऋणी रहेगा। प्रारब्ध एवं प्रभु की विशेष कृपा दृष्टि है, कि पारिवारिक सदस्य के रूप में श्रीमंत बाऊजी सा. का पुत्र समान सानिध्य प्रत्यक्ष - अप्रत्यक्ष तौर पर मैंने भी प्राप्त किया, जिसका अनुभव अविस्मरणीय है। मैं यदा - कदा जब-जब उनसे मिला, उनके भीतर की द्विव्यात्मा के सहज रूप में दर्शन किये, जिसके अहसास से उत्पन्न ऊर्जा ने मुझे पल-पल रचनात्मक बहुधर्मी जीवन कौशल का अनुभव कराया है। इस अनुभूति को मैं भी कभी भूला नहीं सकूंगा। ईश्वरीय कृपा से मुझे उनके साथ द्विपक्षीय विमर्श के कुछ अनुभव तथा संक्षिफ्त अवसर भी प्राप्त हुए। इस दौरान मैंने हर प्रकार की बात उनके बीच साझा की, जिस पर मुझे श्रीमंत शाह परिवार से अमूल्य मार्गदर्शन मिला, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह सब उनके निर्मल अन्तःकरण एवं उदार आचार-विचार का अहोभाव था और मैं इसका ‘बड़भागी’ बन सका, यह मेरे लिये भी पुण्य प्रतिफल के समान है। श्रीमंत बाऊजी सा. सकल शाह परिवार संग मेरे सार्वजनिक एवं सामाजिक जीवन के लिए भी अमूल्य पथ-प्रदर्शक, आर्शीवाद प्रदाता एवं अति विशिष्ठ सहयोगकर्ता रहे हैं। मैंने जब कभी संक्षिप्त आग्रह एवं निवेदन किया, श्रीमंत बाऊजी सा. सकल शाह परिवार की आदेशना लिए उनके सुयोग्य अतिस्नेही पुत्र श्री कल्पेश भाई मेरे लिए हमेशा दौड़े चले आये, जबकि मैं उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के समक्ष अतिसूक्ष्म हॅू। ऐसे श्रीमंत बाऊजी सा. का इस प्रकार हम सब के बीच से चले जाना अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। मनुष्य रूप में ऐसी द्विव्यात्मा का जन्म भगवान की विशेष अनुकम्पा से ही संभव होता है। निश्चित रूप से श्रीमंत शाह परिवार की पुण्याई एवं अरिहंत भगवान का विशेष मंगल स्नेहभाव रहा है, कि इस घर-आंगन में बाऊजी सा. ने जन्म लेकर सर्व स्वीकार्य कर्तव्य परायणता का निर्वहन करते हुए कुशलता पूर्वक मनुष्य देह का सफर पूर्ण किया। ऐसी द्विव्यात्मा के श्रीचरणों में सजल श्रद्धांजली अर्पित करते हुए परमात्मा से अभ्यर्थना करता हूॅ, कि दिवंगत आत्मा को सद्गतिपूर्वक गौलोक-बैकुण्ठधाम में विशिष्ठ स्थान हेतु मोक्ष प्रदान करे। इसके साथ ही परम् पिता परमात्मा से यह भी प्रार्थना करता हूॅ, कि वियोग की इस घड़ी में शोक संतृप्त परिवारजन, सकल श्वेतांबर समाज, शासन सहयोगी, कार्यालय गत कर्मचारी, व्यापारिक साथी, ईष्टमित्र, चिर-परिचित समस्त शुभचिंतकगण को सांत्वना एवं सम्बल दे। ओम शान्ति...शान्ति...शान्ति ।। Indian National Congress Indian National Congress - Rajasthan