18 Mar 2020
राज्य सरकार किसान कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। सरकार की मंशा के अनुरूप अधिकारी ऐसी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें कि किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द मिल सके। निर्देश दिए कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को हुए नुकसान के लिए सहायता के रूप में कृषि आदान-अनुदान राशि का वितरण जल्द शुरू किया जाए। आज यहाँ सीएमओ में कृषि एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित किया। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम की राशि समय पर जमा नहीं करवाने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हमारी सरकार ने उसका भार वहन किया। निर्देश दिए कि आगे से यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रीमियम की राशि समय पर जमा हो। टिड्डी के प्रकोप के कारण प्रदेश के करीब 8 जिलों में फसलों में हुआ नुकसान चिंतनीय है, विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार इस वर्ष टिड्डी का प्रकोप ज्यादा होने की आशंका है। सोमालिया, इथोपिया, इरिट्रिया, पाकिस्तान, बलूचिस्तान एवं अरब देशों में टिड्डियों की संख्या में भारी वृद्धि होने के कारण मई माह से प्रदेश में टिड्डी का प्रकोप फिर बढ़ सकता है। अधिकारियों को निर्देश दिए कि जोधपुर स्थित भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ समन्वय कर समय रहते माकूल इंतजाम किए जाएं। केन्द्र सरकार को टिड्डी से निपटने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा जाए। साथ ही किसानों को भी टिड्डी से बचाव के उपाय करने के लिए जागरूक किया जाए। इस कार्य में आमजन की भागीदारी बढ़ाकर संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है। रबी सीजन 2020-21 के तहत समर्थन मूल्य पर चना एवं सरसों की खरीद के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंजीयन एवं खरीद की प्रक्रिया में किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे़। उन्हें फसल का भुगतान समय पर हो। किसानों को खरीद प्रक्रिया के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन से भी अवगत कराया जाए, ताकि खरीद केन्द्रों पर किसी तरह की अव्यवस्था नहीं हो। खरीफ 2020 के लिए सहकारी फसली ऋण वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना में अधिक से अधिक नए किसानों को जोड़ा जाए। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता, श्री नरेशपाल गंगवार ने बताया कि टिड्डी प्रभावित आठ जिलों के 66 हजार से अधिक किसानों को आपदा राहत कोष के माध्यम से 110 करोड़ रूपए तथा बीमा कम्पनियों के माध्यम से 25 प्रतिशत अन्तरिम क्लेम के रूप में 29 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया गया है। शेष किसानों का भुगतान भी जल्द कर दिया जाएगा। ओलावृष्टि से हुए नुकसान का बीमा कम्पनियों एवं कृषि विभाग द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण का काम एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा और किसानों को जल्द कृषि आदान-अनुदान का वितरण शुरू होगा। श्री गंगवार ने बताया कि सरसों एवं चना की खरीद के लिए कोटा संभाग में 6 मार्च तथा शेष राजस्थान में 18 मार्च से किसानों का ऑनलाइन पंजीयन शुरू कर दिया गया है। कोटा संभाग में 16 मार्च से खरीद शुरू हो गई है तथा शेष राजस्थान में 1 अप्रैल से खरीद शुरू होगी। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में सहकारी फसली ऋण वितरण योजना से 25 लाख किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें 3 लाख नए किसान शामिल होंगे। बैठक में कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया, सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना, कृषि राज्य मंत्री श्री भजनलाल जाटव, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक श्री पवन कुमार गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, शासन सचिव आपदा प्रबन्धन श्री सिद्धार्थ महाजन, आयुक्त कृषि डॉ. ओमप्रकाश, प्रबन्ध निदेशक राजफैड श्रीमती सुषमा अरोड़ा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।