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    30 Aug 2020

    प्रदेश में कोविड-19 के गंभीर रोगियों को आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार मिल सकेगा। राज्य सरकार ने राजकीय अस्पतालों में ऑक्सीजन बैड्स की समुचित व्यवस्थाएं की हैं। इसके बाद भी भविष्य में और बैड्स की आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों से सहयोग लिया जाए। इसके लिए जिला कलक्टर निजी अस्पतालों में राज्य सरकार की निर्धारित दरों पर कोविड के गंभीर रोगियों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था कर केंगे। निवास पर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। संकट के इस समय में निजी अस्पताल अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आईसीयू तथा ऑक्सीजन बैड की संख्या बढ़ाएं। निजी अस्पताल एसिम्प्टोमैटिक मरीजों को बैड उपलब्ध कराने के लिए होटल संचालकों के साथ बातचीत कर अनुबंध करें ताकि गंभीर रोगियों के लिए अस्पताल में बैड उपलब्ध रह सकें। जिला कलक्टर यह व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं। निर्देश दिए कि राज्य में संभागीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में हाई फ्लो ऑक्सीजन युक्त बैड तथा आईसीयू बैड की संख्या को आगामी एक माह में तीन से चार गुना तक बढ़ाया जाए। कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को देखते हुए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। जयपुर एवं कोटा में कोविड केयर के लिए 100 अतिरिक्त बैड की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। विगत दिनों कोविड रोगियों की बढ़ी संख्या को देखते हुए अजमेर, अलवर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, पाली एवं झालावाड़ में कंटेनमेंट जोन की व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। कोरोना के कारण जिन लोगों की आजीविका छिन गई और जो पूर्व में 37 श्रेणियों के लिए किए गए सर्वे से वंचित रह गए थे, दूसरे सर्वे में चिन्हित ऐसे 4 लाख 14 हजार जरूरतमंद परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने के लिए बड़ा निर्णय किया है। इनको प्रति परिवार एक किलो चना तथा इन परिवारों के 15 लाख 33 हजार सदस्यों को दस किलोग्राम गेहूं निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की विभिन्न श्रेणियों में चयनित परिवारों को निर्धारित दर के स्थान पर नवम्बर माह तक निशुल्क गेहूं वितरण करने के निर्देश दिए। इन दोनों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 138 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए जाएंगे। कोविड के इस दौर में जरूरतमंद हर परिवार को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं रखेगी। हाल ही प्रदेश के कुछ सांसद एवं विधायक भी कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। इसे देखते हुए सभी सांसद-विधायक एहतियात के तौर पर अपनी कोरोना जांच करवाएं, जिससे संक्रमण से बचा जा सके। सांसदों-विधायकों का जनप्रतिनिधि के रूप में लोगों से मिलना-जुलना रहता है। ऐसे में स्वयं की तथा मिलने वाले लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से उनके लिए कोरोना जांच कराना उचित होगा। कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए भीड़ पर नियंत्रण जरूरी है। विवाह आयोजनों के साथ-साथ सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, खेल एवं राजनीतिक आयोजनों में पूर्व की भांति 50 से अधिक लोगों को अनुमत नहीं किया जाए। साथ ही इन आयोजनों के लिए संबंधित उपखंड अधिकारी को पूर्व सूचना भी देनी होगी। अनलॉक-4 गाइडलांइस के अनुरूप प्रदेश के लिए गाइडलाइन जारी करने के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की और जयपुर मेट्रो का संचालन सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल के साथ शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टरों को जेईई-नीट परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को संक्रमण से बचाने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर हैल्थ प्रोटोकॉल से संबंधित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। साथ ही बच्चों के आवागमन के लिए परिवहन तथा ठहरने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा ने बताया कि राज्य में अगस्त माह में मृत्यु दर 0.96 प्रतिशत एवं रिकवरी दर 90.54 प्रतिशत रही है। बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, महानिदेशक अपराध श्री एमएल लाठर, एसीएस (वित्त) श्री निरंजन आर्य, एसीएस (माइंस) श्री सुबोध अग्रवाल, एसीएस (पीडब्ल्यूडी) श्रीमती वीनू गुप्ता, प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार, शासन सचिव खाद्य श्री हेमन्त गेरा, शासन सचिव आपदा प्रबंधन श्री सिद्धार्थ महाजन, शासन सचिव गृह श्री एनएल मीणा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।