25 Sep 2019
मुख्यमंत्री कार्यालय में श्रम विभाग एवं कौशल विकास की योजनाओं की समीक्षा की। प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर मिल सकें, इसके लिए राज्य में कौशल विकास को बेहतर बनाया जाए। समय के अनुसार उद्योगों की मांग बदली है। ऐसे में उनकी आवश्यकता के अनुरूप कौशल विकास के नये प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन किए जाएं। ऐसा वेब पोर्टल भी तैयार किया जाए जो उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रमिकों की मांग पूरी करने में सहायक हो। केवल परम्परागत पाठ्यक्रमों के आधार पर बाजार की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता। हमें उद्यमियों के साथ समन्वय कर ऐसे स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने होंगे जो युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार कर सकें। प्रदेश में निजी क्षेत्र में संचालित ऐसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जो मापदण्डों को पूरा नहीं करते, उन्हें चिन्ह्ति कर उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए ताकि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो। शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकारी आईटीआई के साथ-साथ निजी आईटीआई में बायोमैट्रिक उपस्थिति तथा सीसीटीवी कैमरों को अनिवार्य करने पर विचार किया जाए। श्रम विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक अधिनियम के तहत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। इन योजनाओं को बेहतर बनाया जाए ताकि जरूरतमंदों तक समय पर इन योजनाओं का लाभ मिले। बैठक में कौशल नियोजन एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री अशोक चांदना, श्रम राज्य मंत्री श्री टीकाराम जूली, मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता सहित वित्त, आयोजना, श्रम तथा कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।