Back To Profile
21 Mar 2022
पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति एवं संगीत को मान-सम्मान एवं पहचान दिलाने वाले महान शहनाई वादक "भारत रत्न" उस्ताद बिस्मिल्लाह खां जी को उनकी योमे पैदाइश (जयंती) पर खिराजे अकीदत पेश करती हूँ। 1947 में आजादी की पूर्व संध्या पर जब लालकिले पर देश का झंडा फहरा रहा था, तब बिस्मिल्लाह ख़ाँ की शहनाई भी वहाँ आज़ादी का संदेश बाँट रही थी। तब से लगभग हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के भाषण के बाद बिस्मिल्लाह ख़ाँ का शहनाई वादन एक प्रथा बन गयी।