31 Aug 2020
पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा आघात लगा है। श्री मुखर्जी के निधन से देश ने लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक मूल्यों के सबल प्रहरी और सच्चे सपूत को खो दिया है। प्रणब दा ने जीवनपर्यंत दलगत व्यवस्था, क्षेत्रीयता, धर्म, भाषा और जाति की सीमाओं से ऊपर उठकर देश के सभी नागरिकों की खुशहाली के लिए निःस्वार्थ भाव से समर्पित होकर कार्य किया। उन्होंने केन्द्र सरकार में वित्त, रक्षा एवं विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए मुल्क की तरक्की, अंतिम छोर के व्यक्तियों तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने और अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में अपना अपूर्व योगदान दिया। राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद को सुशोभित करते हुए उन्होंने सभी वर्गों के कल्याण की सोच के साथ पूरी दुनियां में भारत की शान को बढ़ाते हुए अपनी अविस्मरणीय सेवाएं दीं। परम पिता परमात्मा से स्वर्गीय मुखर्जी की आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों और उनके प्रशंसकों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।