29 Mar 2022
निवास पर गृह विभाग के साथ बैठक में आन्तरिक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों की समीक्षा की। इस दौरान प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति, मादक पदार्थों, जाली नोट, हथियारों आदि की तस्करी रोकने सहित अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश दिए। अपराध के खिलाफ राज्य सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की रही है। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा के समक्ष चुनौती उत्पन्न करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता एवं चौकसी बरती जाए। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमारे बड़े भू-भाग से भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा गुजरती है। पिछले कुछ सालों में सीमावर्ती जिलों में क्रूड ऑयल निकलने, रिफाइनरी, सोलर पावर प्लांट तथा विंड एनर्जी इकाइयों की स्थापना के कारण औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियां काफी बढ़ी हैं। बेहतर सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी के कारण यहां लोगों का आवागमन भी बढ़ा है। इसके चलते इस क्षेत्र में विशेष निगाह रखे जाने की आवश्यकता है। आपराधिक घटनाओं का असर विकास गतिविधियों पर पड़ता है। नागरिक प्रशासन और पुलिस के अधिकारी सेना एवं बीएसएफ के साथ सतत् सम्पर्क एवं समन्वय बनाए रखकर सूचनाओं का नियमित आदान-प्रदान करें। छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर विरोध स्वरूप रास्ता रोकने तथा इस कारण कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने की घटनाएं चिंतनीय हैं, भविष्य में इन पर पूर्ण सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। बैठक में शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाले ऐसे तत्वों की पहचान करने और उनके विरूद्ध उचित कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। बैठक में गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री एम.एल. लाठर, डीजी इंटेलीजेंस श्री उमेश मिश्रा, एडीजी क्राइम श्री आरपी मेहरड़ा, एडीजी एसओजी श्री अशोक राठौड़, एडीजी कानून-व्यवस्था श्री हवासिंह घुमरिया, एडीजी सुरक्षा श्री एस सेंगथिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर बुधवार 30 मार्च को दोपहर 12 बजे पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक करेंगे।