26 Sep 2019
महाराष्ट्र के जलगांव स्थित गांधी रिसर्च फाउण्डेशन पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन, कृतित्व एवं आदर्शों को समर्पित संग्रहालय एवं यहां म्यूजियम में बापू के साहित्य का अवलोकन किया। चरखे से सूत कातते हुए गांधी जी की प्रतिकृति को देखकर सुखद और सुकून की अनुभूति हुई। ऐसे समय में जबकि देश में एक-दूसरे के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है। बापू के अहिंसा, भाईचारे तथा सामाजिक समरसता के संदेश को आत्मसात करने की बड़ी आवश्यकता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का प्रेरक वाक्य जिसमें कहा गया है कि ‘पृथ्वी हर आदमी की जरूरत के मुताबिक देती है, लेकिन हर आदमी के लालच के लिए नहीं।‘ यदि इस सूत्र को हम जीवन में उतार लें तो हम प्राकृतिक संसाधनों को खत्म होने से बचा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि गांधी रिसर्च फाउंडेशन के इस भवन के निर्माण में जोधपुरी पत्थर का भी उपयोग हुआ है। इसका शुभारंभ वर्ष 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने किया था। यह स्थान गांधी तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। जिसकी स्थापना पद्मश्री श्री भंवरलाल जैन ने की थी। आज के अपने दौरे में जलगांव में ही जैन इरीगेशन द्वारा बूंद-बूंद तथा फव्वारा सिंचाई तकनीक के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों का भी अवलोकन किया। जल की एक-एक बूंद का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि ड्रिप इरीगेशन को बढ़ावा दिया जाए। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया, गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया, विधायक श्री रोहित बोहरा एवं प्रमुख सचिव श्री कुलदीप रांका भी उपस्थित थे।