NEWS

अगर आप राजस्थान कांग्रेस के सक्रीय सदस्य हैं तो कांग्रेस की इस वेब साइट www.RajPcc.com पर अपनी प्रोफाइल बनाये एवं राजस्थान प्रदेश के सभी कांग्रेसजनो से जुड़े ! For any query please call RajPcc.com @ 9214059214 -.

    Back To Profile

    30 Oct 2018

    भाजपा सरकार की लापरवाही एवं मिलीभगत के कारण प्रदेश में बजरी माफिया के हौसले बुलन्द है। एक तरफ अवैध बजरी खनन की रोकथाम से जुड़े सरकारी अमले पर लगातार हमले किये जाने की घटनायें घटित हो रही है, वहीं दूसरी ओर निर्माण कार्यो के लिये बजरी खरीदने की मजबूरी के कारण आम जनता इनके हाथों लुटी जा रही है। इन हालातों के बावजूद राज्य सरकार आंख मूंदे बैठी हुई है। चम्बल और बनास नदी सहित प्रदेशभर में अवैध बजरी खनन का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब तक जनता से बारह हजार करोड़ रूपये से अधिक की लूट हो चुकी है। प्रदेश में रोजाना लगभग पांच से सात हजार ट्रक बजरी की खपत होती है। जयपुर में सात आठ हजार रूपये में उपलब्ध होने वाला बजरी का ट्रक बजरी माफियाओं द्वारा तीस-चालीस हजार रूपये में बेचा जा रहा है। बजरी माफियाओं द्वारा कहीं सरपंच की हत्या की गई तो कहीं पुलिस प्रशासन एवं खनिज विभाग के अधिकारियों पर भी हमले किये गये। राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में सशक्त पैरवी नहीं करने की वजह से प्रदेश में बजरी खनन का संकट उत्पन्न हुआ है। करीब 25 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गये है। जिनमें बजरी खनन से जुड़े श्रमिक, बजरी ट्रक ड्राइवर, उनके मालिक, निर्माण मजदूर एवं कारीगर आदि शामिल है। बजरी संकट के कारण भवन निर्माण कार्य रूक गये है, वहीं राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में सरकार के सभी छोटे बड़े प्रोजेक्ट भी अटक गये हैं। इसको लेकर आम जनता में असंतोष और आक्रोश फैला हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय ने बजरी माफियाओं के साथ सरकार की मिलीभगत को लेकर तीखी टिप्पणी की है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय ने नदियों में हुये खनन कार्य के प्रतिस्थापन्न एवं पर्यावरणीय अध्ययन के निर्देश दिये थे किन्तु राज्य सरकार द्वारा माननीय न्यायालय की मंशा के अनुरूप पर्यावरणीय अध्ययन की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी। यदि माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार यह समय पर मंशा के अनुरूप प्रस्तुत कर दी जाती तो वैद्यानिक तरीके से खनन की अनुमति मिल सकती थी। भाजपा सरकार के दौरान खनन से जुड़ी नीतियों को बार-बार बदला गया। सुनिश्चित नीति के अभाव में ही बजरी माफिया ने सारी हदें पार कर दी। सरकार के संरक्षण में बजरी माफिया सोना काट रहे है और सब जानते है कि मुख्यमंत्री एवं उनकी सरकार की शह के बिना यह सम्भव नहीं है कि बजरी माफिया लगातार लूट मचाये और सरकार हाथ पर हाथ धरे देखती रह जाये।