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11 Aug 2020
“अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे” राहत इंदौरी जी का निधन :कवि सम्मेलन और मुशायरों के लिए अपूरणीय क्षति। #राहत_इन्दौरी_साहब