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12 Apr 2020
गूंज रही थी चारदीवारी, तब इंकलाब के नारों से सहम उठा जब पूरा भारत, डायर के अत्याचारों से ।। क्या बूढ़े, क्या बच्चे भोले, क्या महिलाएं दीवानी थी जब जलियांवाला बाग में लिखी खूनी कलम ने कहानी थी ।। #जलियांवाला_बाग हत्याकांड में मारे गए सभी क्रांतिकारियों को कोटि-कोटि नमन