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14 Aug 2020
शाश्वत स्वतंत्रता का जो दीप जल रहा है, आलोक का पथिक जो अविराम चल रहा है विश्वास है कि पल भर रुकने उसे न देंगे। उस ज्योति की शिखा को, ज्योतित सदैव रखेंगे। हे जन्मभूमि भारत, हे कर्मभूमि भारत