01 Mar 2020
#CAA_NRC बोहोत अफसोस हुआ इस खबर को पढ़ कर, अगर वाक़ई में यह मामला ऐसा ही है तो सोचना चाहिए हमारे काज़ियो ओर कोंग्रेस पार्टी को , एक क़ाज़ी कैसे किसी ओर के बाप का फ़र्ज़ी निकाह किसी ओर की माँ के साथ करवा सकता है और एक इंसान कैसे किसी की ज़मीन को अपना बता सकता है , क्या मर के अल्लाह को मुंह नही दिखाना, में प्रशासन को कहना चाहूंगा की चाहे पार्षद हमारी ही पार्टी का हो पर यह मामला किसी के अस्तित्व से जुड़ा है अगर इस स्टाम्प की माने तो Muzaffar Saeed साहब, Mohsin Saeed , साहब का तो वजूद ही नही है क्योंकि इनके दादा के तो कोई औलाद ही नही थी, तो फिर यह क्या बांग्लादेशी शरणार्थी है ? जनाब Imtiyaz Khan Ever Green or janaab Hasan Khan Talpura Tonk के परिवार पर भी हमला है कि अगर मुज़फ्फर सईद साहब के दादा के कोई औलाद नही थी तो फिर मुज़फ्फर सईद साहब ओर उनके बच्चों को तो इस दुनिया मे होना ही नही चाहिए था , उनका तो अस्तित्व ही नही बचा , लेकिन मेने यह सारे दस्तावेज़ देखे है , कोई अंधा भी इन्हें देख के फ़र्ज़ी कह देगा, ओर में टोंक पुलिस से गुज़ारिश करूँगा की इस मामले में किसी तरह की कोई अप्रोच न सुने क्योंकि अगर इस स्टाम्प को सच मानेगे तो फिर एक पूरा खानदान अपना वजूद खो देगा , ओर फिर शायद उससे कहा जाए की तुमहरे दादा के तो कोई औलाद ही नही थी अब तुम कहा से आये, तो निकलो हिंदुस्तान से । अफसोस है कि इंसान कुछ पेसो के लिए किस हद तक जा सकता है । में तो कहूंगा की इस पूरी चेन को पकड़ा जाए जिसने कम्प्यूटर से स्टाम्प बनाया, उर्दू में स्टाम्प लिखा, झूंठे हस्ताक्षर किए, झूठे गवाह बनाये, झूंठा निकाह नामा बनाया और यह साज़िश रची । म्हे थांका थे माका मोहसिन रशीद टोंक