14 Feb 2020
पर्वतारोही मगन बिस्सा जी के निधन का समाचार सुनकर गहरा आघात लगा है। वे साहसी, कुशल प्रशिक्षक एवं संवेदनशील इंसान थे, जो सदैव पराई पीडा में मानवता की सच्ची सेवा करते रहे। बिस्सा जी ने अदम्य साहस और जिजीविषा के दम पर पर्वतारोहण और 'एडवेंचर स्पोर्ट्स' की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी। साहसिक खेलों के प्रति समर्पण देखते ही बनता था। मरूशहर बीकानेर के इस लाडले ने कई कठिन और चुनौतीपूर्ण पर्वतारोहण अभियानों में सफलता के जरिए जीवट की मिसाल कायम की। उन्होंने युवाओं और विद्यार्थियों को साहसिक खेलों को अपनाने के लिए सदैव प्रेरित किया और जीवन पर्यंत उन्हें प्रशिक्षण व मार्गदर्शन देकर 'एडवेंचर स्पोर्ट्स' को नए आयाम दिए। अपने जुझारू व्यक्तित्व से राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर और पूरे प्रदेश को एक अलग पहचान प्रदान करने में उनके अभूतपूर्व योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके निधन से बीकानेर और राजस्थान ही नहीं बल्कि देश ने अपने जांबाज पर्वतारोही और एडवेंचर स्पोर्ट्स की जानी-मानी शख्सियत को खो दिया है। गंगोत्री से 18 किलोमीटर दूर, गोमुख, जहां से गंगा अवतरित होती है, तक की यात्रा मैंने श्री बिस्सा के साथ की थी। इसके अतिरिक्त पैरासैलिंग व पैराग्लाइडिंग भी मैंने उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन में की। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।