11 Sep 2019
किसानों एवं खेतीहर मजदूरों के हित निर्णय लेते हुए हमारी सरकार ने राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना-2009 का दायरा बढ़ाया है। इससे इस योजना में खेत पर काम करते समय अन्य कई परिस्थितियों में दुर्घटना होने पर भी पीड़ित किसान तथा खेतीहर मजदूर को योजना का लाभ मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि खेत पर कृषि कार्य करते समय विभिन्न परिस्थितियों में दुर्घटनाएं हो जाती थीं। मूल योजना में उन परिस्थितियों का समावेश नहीं होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त किसान अथवा अन्य दावेदार योजना के लाभ से वंचित रह जाता था। ऐसे प्रकरण सामने आने पर काश्तकारों के हित में यह निर्णय लिया है। प्रस्ताव के अनुसार अब खेत में फसलों की सिंचाई के दौरान बिजली के करंट से मृत्यु अथवा अंग-भंग होने पर, खेत पर कृषि व इससे जुड़े कार्य करते समय वन्य, पालतू या आवारा जानवर तथा गोह, मधुमक्खी, बिच्छू एवं अन्य जहरीले जानवर या कीट के काटने एवं हमला करने से मृत्यु या अंग-भंग होेने पर भी योजना का लाभ मिल सकेगा। इसी प्रकार खेत पर कृषि कार्य करते समय यथा-फसल की बुवाई के लिए खेत की तैयारी (खेत समतलीकरण, झाड़- झंकाड़ की कटाई एवं छंगाई), मेडबंदी करते समय, फसल को काट कर इकट्ठी करते समय अथवा फसल से अनाज निकालते समय, चक्रवाती तूफान अथवा बारिश के समय पेड़ के नीचे दबने से हुई दुर्घटना में अंग-भंग अथवा मृत्यु होने की परिस्थितियों को भी योजना में शामिल किया गया है। साथ ही सिंचाई अथवा कृषि से संबंधित अन्य कार्य करते समय, खेत में निर्मित संरचनाओं जैसे डिग्गी, फार्म पौंड, टांका, कुएं या अन्य जल भराव की संरचनाओं से फिसलकर गिरने अथवा पानी की निकासी करते समय गिरने से हुए अंग-भंग या मृत्यु होने पर भी योजना में लाभ दिया जा सकेगा। योजना में अब तक खेती के प्रयोजन से ट्रैक्टर, बैलगाड़ी अथवा ऊंटगाड़ी से घर से खेत आते-जाते समय दुर्घटना में मृत्यु अथवा अंग-भंग होने पर लाभ देय था। इस में मोटरसाइकिल अथवा अन्य किसी भी वाहन से खेत पर कृषि कार्य के लिए आते-जाते समय दुर्घटना होने की परिस्थिति को भी शामिल किया गया है।