05 Oct 2019
हमारा प्रयास है कि राजस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में देश का सबसे अव्वल राज्य बने। शिक्षा एवं चिकित्सा सेवा का माध्यम है, धन कमाने का जरिया नहीं। निजी अस्पताल संचालकों से अपील है गरीब मरीजों को रियायती दरों पर इलाज उपलब्ध करवाएं। साथ ही अन्य मरीजों के लिए भी इलाज की दरें वाजिब रखें। चिकित्सा विज्ञान की उन्नति बेमिसाल रही है और इस क्षेत्र में हुए अनुसंधान का भी कोई मुकाबला नहीं है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में और बेहतर काम करने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं को आगे बढ़कर सरकार का सहयोग करना चाहिए। हमारे समाज में चिकित्सक को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं हो सकता। चिकित्सकों को भी इस बात का ख्याल रखते हुए ही मरीजों का इलाज करना चाहिए। किसी एक व्यक्ति के दुर्व्यवहार के कारण अस्पताल के सभी चिकित्सकों का हड़ताल पर चले जाना उचित नहीं है। इससे बड़ी संख्या में मरीजों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार की मंशा है कि हर व्यक्ति को अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। इसी सोच के चलते मैंने अपने पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना की शुरूआत की थी। इसकी सफलता को देखते हुए उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस योजना के अध्ययन के लिए टीम भेजी थी। समारोह में अंगदाता कार्ड का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इससे पहले अंगदान के लिए प्रेरित करने से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर विधायक श्री रफीक खान, श्री अमीन कागजी, श्री महादेव सिंह खंडेला, महापौर श्री विष्णु लाटा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।