19 Aug 2020
प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का संवेदनशीलता के साथ त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। शहरों के साथ ही गांव-ढाणी तक उपभोक्ताओं को बिना ट्रिपिंग के निर्बाध विद्युत आपूर्ति करना सुनिश्चित करें। निवास पर ऊर्जा विभाग की समीक्षा की। बिजली बिलों को लेकर उपभोक्ताओं के परिवादों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। जिला एवं उपखंड स्तर पर अभियंता आमजन की शिकायतों को गंभीरता से लें। इस काम में किसी तरह की कोताही न हो। रिहायशी भवनों तथा अन्य निजी इमारतों से गुजर रही बिजली लाइनों को हटाने के लिए रूपरेखा तैयार की जाए। निर्देश दिए कि सुरक्षा की दृष्टि से सरकारी स्कूलों से गुजर रही विद्युत लाइनों को हटाने के लिए अभियान चलाएं और इन्हें निशुल्क शिफ्ट किया जाए। बारिश के इस मौसम में आमजन को विद्युत जनित खतरों से बचाने के लिए एहतियात बरती जाए। विद्युत तंत्र की मेंटिनेंस का काम समय पर हो। विद्युत छीजत को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए तीनों वितरण कंपनियां प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करें। जिन फीडरों पर अधिक छीजत पाई जाए उस फीडर पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। छीजत कम होगी तो उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध कराने में और आसानी होगी। बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अजिताभ शर्मा ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रदेश में मांग के अनुरूप बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। वर्तमान में शहरी एवं औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 22 से 23 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2018 से मार्च 2020 तक प्रदेश में एक लाख 39 हजार कृषि कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री बीडी कल्ला, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रसारण निगम के सीएमडी श्री दिनेश कुमार, विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी श्री पी. रमेश, जयपुर डिस्कॉम के एमडी श्री एके गुप्ता, जोधपुर डिस्कॉम के एमडी श्री अविनाश सिंघवी, अक्षय ऊर्जा निगम के एमडी श्री अनिल गुप्ता भी उपस्थित थे। अजमेर डिस्कॉम के एमडी श्री वीएस भाटी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े।