28 Sep 2019
मुरली मनोहर गोशाला (भीनासर) में आज राजस्थान गौ सेवा परिषद की ओर से आयोजित, गोबर से जैविक खाद व गोमूत्र से कीटनाशक बनाने के संबंध में राज्य के गोशाला प्रतिनिधियों के लिए एक दिवसीय गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण समारोह में भाग लिया। वर्तमान में कृषि में अधिकाधिक रासायनिक खाद व पेस्टिसाईड्स का उपयोग हो रहा है, जिससे खाद्यान्न अस्वास्थ्यकर हो रहा है तथा इस कारण कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। कृषि कार्य में गोबर व गोमूत्र के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, साथ ही इसका मानव स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आवश्यकता इस बात की है कि गौशालाओं के संचालकों तथा गौपालकों को जैविक खाद के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए। इससे गौ-आधारित ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था पुनस्र्थापित की जा सकेगी, साथ ही पर्यावरण की रक्षा भी होगी। गाय पूरे विश्व की माता है, यह जीवन भर संसार के लोगों को दूध पिलाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने गायों की सेवा की थी, हमें भी उनका अनुसरण कर गायों के संरक्षण में अपना हरसंभव योगदान देना होगा। उन्होंने बताया कि जैविक खाद से उगाई गई सब्जियां सामान्य सब्जियों से कई गुना अधिक दामों पर बिकती हैं। इस खेती को बढ़ावा देकर कृषक व गौ-पालकों को आर्थिक लाभ दिलाया जा सकता है। डाॅ. कल्ला ने बताया कि नवीन तकनीक के साथ तैयार किया गया गोबर गैस संयंत्र हाईजिनिक है व घरेलू कार्य में उपयोगी है, साथ ही यह अवशेष खाद के रूप में भी काम आता है। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी, संवित सोमगिरि महाराज, कुलपति राजूवास डाॅ. विष्णु शर्मा भी उपस्तिथ रहे।