04 Jun 2020
प्रदेशभर में संस्थागत तथा घरों में क्वारेंटाइन किए गए लोगों की संख्या घटने के बावजूद स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार सजग रहकर कोरोना के संक्रमण की स्थिति पर नजर रखें। जिन लोगों को कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर भी घरों में क्वारेंटाइन किया गया है, उनके स्वास्थ्य की भी समुचित मॉनिटरिंग की जाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए। निवास पर कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति की नियमित समीक्षा बैठक को सम्बोधित किया। बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में संस्थागत क्वारेंटाइन की क्षमता 2.5 लाख बेड है, लेकिन वर्तमान में केवल 10 हजार लोग ही संस्थागत क्वारेंटाइन में हैं। लगभग 1.9 लाख लोग होम क्वारेंटाइन में हैं। इस पर कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशासन स्तर पर तैयार की गई संस्थागत क्वारेंटाइन सुविधाओं को आवश्यकता नहीं होने पर कम किया जा सकता है, ताकि स्कूल-कॉलेजों के भवनों को आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए सेनेटाइज कराया जा सके। जिला स्तर पर संस्थागत क्वारेंटाइन की व्यवस्था आवश्यक रूप से उपलब्ध रखने के निर्देश दिए। राजस्थान में बड़ी संख्या में लोगों के बाहर से आने-जाने के बावजूद कोविड-19 महामारी की स्थिति नियंत्रण में होना संतोषजनक है। प्रदेश के कई जिलों में कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है। बैठक में बताया गया कि राजस्थान में कोरोना के एक्टिव पॉजिटिव मामलों की संख्या बीते 6 दिन से लगातार 3 हजार से कम है। संक्रमितों के ठीक होने की दर 70 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है तथा संक्रमितों की संख्या दोगुनी होने के दर अब 18 से बढ़कर 20 दिन हो गई है। अभी तक 4.5 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों, दुकानों आदि पर मास्क नहीं पहनने और दूरी के नियमों का पालन नहीं करने पर चालान के प्रावधान को सख्ती से लागू किया जाए। अब तक पुलिस द्वारा 40 हजार से अधिक उल्लंघन के मामलों में जुर्माना लगाया गया है। इस पर कहा कि हैल्थ प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर जुर्माने का उद्देश्य लोगों को इसकी पालना के लिए जागरूक करना है।