21 May 2022
सारा लहू बदन का हमने , ज़मी को पिला दिया हम पर वतन का कर्ज था , वो हमने चुका दिया । आधुनिक भारत के निर्माता, पूर्व प्रधानमंत्री "भारत रत्न" श्री राजीव गांधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ। भारत रत्न राजीव गांधी एक ऐसे कर्मयोगी रहे हैं, जिनकी जीवन यात्रा में मानवता, सहजता, सरलता, निष्छलता के कई मुकाम रहे हैं। सर्वधर्म सद्भाव उनके मानस में रचा-बसा था। राजीव गांधी जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत समन्वय था। नियति ने समय के कैनवास पर उन्हें बहुत कम समय बख्शा, लेकिन इतने कम समय में भी उन्होंने इतिहास के कैनवास पर अपनी अनूठी और अमिट छाप छोड़ी। राजीव जी ने 18 वर्ष की आयु में वोट अधिकार, पंचायतीराज व्यवस्था की नींव रखी, नवदय विद्यालयों की नींव रखी, राजीव गांधी जी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने ना सिर्फ कंप्यूटर को भारत के घरों तक पहुंचाने का काम किया बल्कि भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम रोल निभाया। राजीव गांधी जी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति(NPE) की घोषणा की इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार हुआ वही राजीव गांधी की पहल पर ही अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स(C-DOT) की स्थापना हुई. इस पहल से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ, इसके बाद 1986 में उनकी की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना हुई, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई.