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23 Jun 2018
राजनीति जनसेवा व राष्ट्र निर्माण का माध्यम है। आम जन की सेवा और उसकी भलाई के लिए किये गए कार्य ईश्वर की सेवा का ही उत्कृष्ट स्वरुप हैं, जनता की सेवा 'जनार्दन' की सेवा है। भारतीय शास्त्रों में इसी को परम आराधना कहा गया है क्योंकि केवल अपने मोक्ष के लिए आराधना करने से यह कहीं श्रेष्ठ है। जनसेवा सदैव हमारी प्राथमिकता हो और उसके लिए हम सभी तत्पर रहें।