20 Dec 2019
हमारी सरकार ने राजस्थान आवासन मंडल को फिर से मजबूत करने का काम किया है। अब मंडल पर यह दायित्व है कि वह आम आदमी के आवास के सपने को साकार करे और खोया विश्वास हासिल करे। राजस्थान आवासन मंडल के मुख्यालय परिसर में मुख्यमंत्री शिक्षक आवासीय योजना, मुख्यमंत्री प्रहरी आवासीय योजना, आतिश मार्केट योजना मानसरोवर के शुभारंभ एवं जयपुर चौपाटी मानसरोवर के शिलान्यास समारोह को संबोधित किया। पुरस्कृत शिक्षकों को 10 प्रतिशत रियायती दर पर आवास देने की घोषणा की। हाउसिंग बोर्ड बंद होने के कगार पर था। करोड़ों की लागत से बने करीब 22 हजार मकान धूल खा रहे थे। हमारी सरकार ने गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए बनाई गई इस संस्था को पुनः जीवन्त कर दिया है। इसी का नतीजा है कि कुछ महीनों में ही बड़ी संख्या में आवासन मंडल के मकानों की नीलामी हुई है। आवासन मंडल के मकानों की गुणवत्ता को लेकर आमजन में बहुत अच्छी धारणा नहीं है। बोर्ड को बेहतरीन क्वालिटी के मकान बनाकर इस धारणा को बदलना चाहिए। अच्छे मकान बनेंगे तो लोग स्वतः ही उन्हें खरीदने के लिए आगे आएंगे। इस संस्था का गठन इस उद्देश्य से किया गया है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को छत मिल सके। इसलिए आवासीय योजनाओं में ऎसे प्रावधान किए जाएं कि व्यक्ति रहने के उद्देश्य से ही मकान खरीदे। उनका बार-बार बेचान नहीं हो। सरकार में अच्छे काम करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए और निकम्मे एवं कामचोर अधिकारियों व कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने जैसे सख्त कदम उठाना जरूरी है। अच्छे काम करने वाले और नाकारा कार्मिकों के साथ एक जैसा व्यवहार उचित नहीं है, इससे काम करने वाले लोगों के मन में निराशा का भाव पैदा होता है। कितना ही बड़ा अधिकारी हो उसे यह डर होना चाहिए कि काम नहीं करने पर उसकी नौकरी जा सकती है। जयपुर को निखारने के लिए हमारे पूर्व के कार्यकालों में उठाए गए कदम परकोटे में बरामदे खाली करवाने, जेएलएन मार्ग एवं कठपुतली नगर के सड़क विकास के काम दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम था। घाट की गूणी टनल, जयपुर मेट्रो, एलिवेटेड रोड़ जैसी दूरगामी परियोजनाओं से जयपुर की विश्व स्तर पर पहचान बनी। काबिल अधिकारियाें एवं सरकार की इच्छा शक्ति के कारण ही ये काम संभव हो सके। नये अधिकारियों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।