24 Dec 2019
उदयपुर, डूंगरपुर, एवं बांसवाड़ा जिलों से बच्चों को गुजरात ले जाकर वहां उनसे अकुशल श्रमिक के रूप में काम में लेने पर लगाम लगाने के लिए त्वरित कार्यवाही करने एवं बाल श्रम की समस्या का स्थाई समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। यह मुद्दा मार्मिक है और मासूम बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम एवं अन्य प्रभावी धाराओं के तहत सख्त एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये ताकि इसमें संलिप्त लोगों को स्पष्ट एवं कड़ा संदेश मिले। मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में गुजरात से सटे दक्षिणी राजस्थान के जिलों में बाल श्रम के लिए बच्चों के परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए उठाये जा रहे कदमों की समीक्षा की।निर्देश दिए कि इसमें शामिल दलालों पर सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए ताकि वेआगे से ऐसी अमानवीय गतिविधियों में लिप्त होने से पहले इससे जुड़े कानूनों की सख्ती से घबराएं। इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ताओं, बाल संरक्षण आयोग एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों का सहयोग लेकर प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश दिये। इस सम्बन्ध में एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाने के भी निर्देश दिए जो इस समस्या के तह में जाकर बाल श्रम पर स्थायी रोकथाम के लिए लघु एवं दीर्घअवधि के उपाय सुझाए।