19 Jun 2018
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कृषि ऋण माफी के नाम पर चाहे झूठी वाहवाही ले अथवा जन संवाद का ढोंग करे, लेकिन जनता सब समझती है। उनके अपने गृह संभाग के लहसुन उत्पादक हजारों किसान अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिलने और गर्मी में लहसुन के खराब होने से चितिंत है और आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। हालात ऐसे हो गये है कि उन्हें आर्थिक तंगी एवं कर्ज के चलते आत्म हत्या को विवश होना पड़ रहा है। पिछले दो माह में हाड़ौती संभाग में कर्ज से डूबे और आर्थिक तंगी से मजबूर पांच लहसुन उत्पादक किसानों की अकाल मृत्यु हुई है, जो चिंताजनक है। यह दुःखद है कि सरकारी स्तर पर मृतकों के आश्रितजनों को सहायता देना तो दूर कोई प्रतिनिधि संवेदना प्रकट करने के लिए भी नहीं गया। सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता की यह पराकाष्ठा है। हाड़ौती संभाग में लहसुन उत्पादक किसानों के समक्ष लहसुन बिक्री को लेकर उत्पन्न विकट परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार को बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन की सरकारी खरीद की अवधि को जरूरत मुताबिक बढ़ाने के साथ ही ऐसी व्यवस्था करनी चाहिये जिससे समस्त किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके। इस योजना के तहत 27 अप्रेल से लहसुन की सरकारी खरीद की व्यवस्था की गई थी। किसानों का पंजीयन कर उन्हें टोकन भी दिया गया, लेकिन खरीद कुछ किसानों से ही की जा सकी। अभी भी हजारों किसान अपने लहसुन की बिक्री के लिए प्रतीक्षारत है।