26 Aug 2017
जयपुर विद्युत् वितरण निगम की लापरवाही का खामियाजा जयपुर के आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि बिल में जो रीडिंग दर्ज है, वह उपभोक्ताओं के मीटर में अभी तक आई नहीं है। जोनल ऑफिस में शिकायत करने पर अधिकारी मीटर रीडर की गलती बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, ऐसे में गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोग विद्युत् कार्यालय के चक्कर लगा लगाकर परेशान हो रहे हैं। ऐसे लोग जिनका बिजली बिल 2 माह में 800-900 रुपये आता है, उन्हें 8400-9800 रुपये तक के बिल थमा दिए गए हैं। एक और बड़ा भ्रष्टाचार जो सामने आया है कि जयपुर डिस्कॉम में 122 कर्मचारी ऐसे हैं, जो पिछले ढाई वर्ष से कार्यालय नहीं आये हैं। इन सभी 122 कर्मचारियों को प्रतिमाह लगभग 9000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। यह बस शुरुआत है, आगे जांच में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। ऊर्जा विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री जी के पास है, उन्हें उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी और विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार पर ध्यान देना चाहिए।