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01 Feb 2020
ऐसे वक्त में जब देश की अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, केंद्रीय बजट से सभी लोगों को बड़ी उम्मीदें थी, मगर यह बजट हर वर्ग की निराशा को और गहरा करने वाला है। 'इकोनामिक स्लोडाउन' को एड्रेस करने के लिए ठोस कदमों का केंद्रीय बजट में नितांत अभाव है। अपने कॅरिअर और भविष्य को लेकर चिंता में डूबी देश की युवा शक्ति, महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्ग और इण्डस्ट्रीज की आशाओं पर भी इस बजट ने पानी फेर दिया है। यह बजट महंगाई और बेरोजगारी को बढ़ाने वाला साबित होगा, इस निराशाजनक बजट के परिणाम स्वरूप आज शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट इस बात को रेखांकित कर रही है।