05 Aug 2020
राजस्थान पर्यटन का महत्वपूर्ण केन्द्र है। इससे प्रदेश के लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार जल्द ही नई पर्यटन नीति लाएगी। प्रदेश में करीब 20 साल बाद लाई जा रही इस पर्यटन नीति से कोविड-19 के कारण संकट का सामना कर रहे पर्यटन क्षेत्र को पुनः पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी। निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पर्यटन विभाग की समीक्षा की। पर्यटन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों से भी संवाद किया और पर्यटन को गति देने के लिए उनके सुझाव भी जाने। मेले एवं उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। ज्यादा से ज्यादा देशी एवं विदेशी पर्यटक इनसे जुड़ सकें इसके लिए इन्हें नया रूप दिया जाए। पुष्कर मेला, डेजर्ट फेस्टिवल, कुंभलगढ़, बूंदी उत्सव सहित अन्य मेलों एवं उत्सवों की नए सिरे से ब्रांडिंग की जाए। इनमें नई सोच के साथ ऎसी गतिविधियाें को शामिल करें जिनसे पर्यटक आकर्षित हों। राजस्थान में बड़ी संख्या में प्राचीन एवं पुरामहत्व के धार्मिक स्थल हैं। अधिकारी धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से इन धार्मिक स्थलों के विकास की रूपरेखा तैयार करें। भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में पानी की समस्या दूर करने के लिए स्थायी हल निकाला जाए। पर्यटन स्थलों पर लपकों की समस्या के कारण सैलानियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है और ठगी की शिकायतें भी सामने आती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। पर्यटन स्थलों पर साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाए।