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15 Aug 2019
बाधाएं आती हैं आएं घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा. भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ|