03 Jan 2020
लोकतंत्र में जिंदाबाद और मुर्दाबाद दोनों साथ चलते हैं। जो दोनों को सहन करने की क्षमता रखते हैं वे ही लोकतंत्र के सच्चे सिपाही हैं। लोकतंत्र में विरोध का सम्मान किया जाना चाहिए न कि बदले की भावना से कार्रवाई। कई बार मांगे वाजिब नहीं होती लेकिन संवाद और समझाइश से हल निकल आता है। जोधपुर में कमला नेहरू महिला महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। सरकार की स्वस्थ आलोचना करना देशद्रोह नहीं होता बल्कि हमें सकारात्मक सोच के साथ उसे स्वीकार करना चाहिए। इसी से लोकतंत्र सशक्त होता है। जब देश आजाद हुआ तब हम दूसरे देशों पर निर्भर थे लेकिन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में देश में कारखाने लगे, बडे-बडे बांध बने, इसरो, आईआईएम, आईआईटी, एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हुए और हम अपने पैरों पर खड़े हो सके। देश की 70 साल की मेहनत का ही परिणाम है कि आज हम आत्मनिर्भर हैं। महिला सशक्तीकरण के बिना देश सशक्त नहीं हो सकता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी महिला सशक्तीकरण के प्रबल समर्थक थे। श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में देश का मान बढाया। उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिये। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पहल पर हुए 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन से महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित हुई। राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रतिबद्ध है। विधानसभाओं एवं लोकसभा में महिलाओं की एक तिहाई भागीदारी के लिये राज्य विधानसभा में संकल्प पारित किया गया है। महिला उत्पीड़न की प्रभावी रोकथाम के लिये जिला स्तर पर पुलिस उप अधीक्षक का एक अलग पद सृजित किया गया है। साथ ही महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है। सरकार ने मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग पर भी सख्त कानून बनाए। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के लोग बीमार नहीं हाें, इस सोच के साथ ’निरोगी राजस्थान’ अभियान शुरू किया गया है। इस अवसर पर कमला नेहरू महिला महाविद्यालय में महात्मा गांधी ई-लाइब्रेरी के लिए 5 लाख रुपये तथा छात्रावास में 16 और कमरे बनवाने की घोषणा की। सूरत में आयोजित वेस्ट जोन वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली कमला नेहरू महिला महाविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष प्रियंका सिंह नरूका एवं अम्बिका रतनू को सम्मानित किया।