01 Aug 2018
जिन मुद्दों को लेकर सत्ता हथियाई, उन्हीं मुद्दों को भूली सरकार l विधायक पीछले तीन माह में सवाई माधोपुर में मात्र 3 दिन रही है, मई में 1, जून में 1 और जुलाई में भी संकट के समय मात्र 1 दिन रही है जिन मुद्दों को भुनाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार अब सत्ता में आने के बाद उन्हीं मुद्दों को भूल गई है। भाजपा की इस वादाखिलाफी से लाचार और बेबस आमजन सरकार के जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को कौसने को मजबूर है। कांग्रेस के शासन में जनसंघ ने बिजली पानी की समस्याओं को मुद्दा बनाते हुए नारा दिया था कि "बिजली पानी दे न सकी, वो सरकार निक्कमी है। जो सरकार निक्कमी है वो सरकार बदलनी है।" इस नारे के माध्यम से बिजली पानी की समस्या के मुद्दे को आमजन के बीच भुनाकर सत्ता हथियाने के बाद आज ग्राम पंचायत व नगर परिषद से लेकर राज्य व केंद्र में भाजपा का शासन है। इसके बावजूद आमजन को आज बिजली- पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड रहा है। बिजली सप्लाई के हालात यह है कि हल्के से हवा के झोके में बिजली गुल होने के बाद पांच घंटे सप्लाई बहाल नहीं हो पाती। इससे भी बदतर हालात पेयजल सप्लाई का है। बिजली- पानी की व्यवस्थाओं के आज जो हालात है, ऐसे हालात तो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी नहीं थे। पूरी गर्मी के मौसम में आमजन पेयजल की समस्या से त्रस्त रहा और अब घंटों बिजली गुल रहने की समस्या से परेशान है। गली मोहल्ले की बात तो दूर कलेक्ट्रेट परिसर तक की पांच- पांच घंटे तक बिजली गुल रहती है। जबकि आमजन को खासतौर से आंधी तुफान व बारिश के मौसम में निर्बाधरूप से बिजली सप्लाई मुहैया करवाने के नाम पर बिजली केबल को अंडरग्राउंड करने सहित मेंटिनेंस पर लाखों रुपए खर्च कर दिए। इसके बावजूद आज भी व्यवस्थाएं वही ढाक के तीन पात है। बिजली गुल रहने से पेयजल सप्लाई भी नहीं हो पाती। बिजली निगम व जलदाय विभाग दोनों विभागों के अधिकारियो में सामंजस्य नहीं है। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड रहा है। आमजन की इस समस्या के प्रति न तो प्रशासन गंभीर है और न ही जनप्रतिनिधि । सवाई माधोपुर की आमजनता बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है, लेकिन आमजन की इस समस्या के प्रति स्थानीय विधायक भी कोई रूचि नहीं दिखा रही है। आमजन की समस्याओं के प्रति उदासीन विधायक भी आमजन को धोखा दे रही है।