05 Jan 2020
जयपुर के नीलम होटल में आज राजस्थान गौ सेवा परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय गौ संवर्द्धन सम्मेलन में भाग लिया। गाय पूरे विश्व की माता है, यह पूरे संसार को दूध पिलाती है और पूरे जीवन भर दूध पिलाती है। गाय के दूध को अमृत के समान और पौष्टिकता में बेजोड़ माना जाता है। इसके बारे में यह भी कहा गया है कि इसके समान तीनों लोक में कोई औषधि नहीं है। अत: गौ संवर्द्धन और नस्ल सुधार के लिए रिसर्च और समेकित प्रयास समय की आवश्यकता है। गौ आधारित कृषि, गौ आधारित ऊर्जा तथा गौ और कृषि आधारित ग्रामोद्योग के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि गोचर भूमि और गौ वंश को बचाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास जरूरी है। गौ आधारित कृषि और जैविक खेती हर लिहाज से फायदेमंद है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति तो बढ़ती ही है, जैविक कृषि के उत्पाद भी मूल्य देने वाले है, इनसे 'इंक्रीजिंग रिटर्न' प्राप्त किया जा सकता है। इस क्षेत्र में मार्केटिंग पर फोकस हुए उसे सही तरीके से अंजाम देने की जरूरत है। गौ आधारित ऊर्जा पैदा करने के लिए वैज्ञानिक नये सिरे से रिसर्च करे, गोबर गैस तैयार करने की तकनीक में परिवर्तन के भी रास्ते खोजे जाए। गौ वंश की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक मुक्त देश बनाने का संकल्प लेने की अपील की।