27 Aug 2019
आज यहां सीएमओ में जल संसाधन विभाग की विभिन्न दीर्घकालीन परियोजनाओं की समीक्षा की। वर्तमान में चल रही परियोजनाओं और नई परियोजनाओं के प्रस्तावों पर अधिकारियों से चर्चा की और इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और पानी की कम उपलब्धता को देखते हुए विभिन्न दीर्घकालीन जल परियोजनाओं का समय पर पूरा होना आवश्यक है। अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं के काम को गति देते हुए इन्हें तय टाइमलाइन में पूरा किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को पेयजल एवं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। आमतौर पर वर्षा की कमी के कारण प्रदेश में पानी की किल्लत बनी रहती है। ऐसे में दीर्घकालीन जल परियोजनाएं ही इस समस्या का स्थायी समाधान है। सभी परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय आवश्यकता के अनुसार तैयार किए जाए और उनकी क्रियान्विति की सघन मॉनिटरिंग की जानी चाहिए। बैठक में नाबार्ड, जाईका तथा एनडीबी जैसी वित्तीय संस्थाओं द्वारा पोषित तथा केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बांध, नहरी एवं लघु सिंचाई जल परियोजनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) श्री निरंजन आर्य और शासन सचिव जल संसाधन श्री नवीन महाजन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।