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जोधपुर में कन्या महाविद्यालय के शुभारम्भ, दो विद्यालय भवनों के उद्घाटन समारोह में संबोधन।
मुझे खुशी है कि आज मगरा पूंजला में कन्या महाविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर आप सब के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। राजेंद्र सोलंकी जी कह रहे थे लंबे अरसे से मांग थी इस एरिया में कन्या महाविद्यालय खुले आखिर में वह दिन आ गया कि आपके आशीर्वाद से मुझे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला, कलम हाथ में आई, कलम चलाई और यहां पर महाविद्यालय खुल गया। इतनी बड़ी तादाद में हमारी बहने और माताएं बैठी हुई है ऐसे बहुत कम प्रोग्रामों में बहने आती है, यहां आने का एक संदेश है जितनी खुशी आप सबको हुई है उतनी ही खुशी हमारी बहनें माताओं को हुई है। बहन बेटियां आसपास के क्षेत्र से आएगी दूर नहीं जाना पड़ेगा, लड़कियों को प्रोत्साहन मिलेगा। कई परिवार वाले भेजते नहीं हैं कॉलेज दूर है तो लड़कियों को, पढ़ाई छुड़वा देते हैं वह समस्या भी समाप्त होगी और बड़ी संख्या में यह कॉलेज, अभी तीन सौ के आसपास में अगर एडमिशन हो गए हैं तो आप सोच सकते हैं कि आने वाले वक्त में किस रूप में यह कॉलेज आगे बढ़ेगा। अभी टेंपरेरी रूप से यहां पर चालू हुआ है, बहुत जल्दी ही पास के अंदर ही जमीन देख ली है कलेक्टर जोधपुर के द्वारा और जल्दी ही वहां जमीन कॉलेज को अलाट कर दी जाएगी और प्रयास करेंगे कि जल्दी ही कॉलेज का काम शुरू हो जाएगा। अभी भंवर सिंह भाटी जी बता रहे थे हमारे मंत्री जी, यह बहुत लकी है इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ होगा 70 साल के इतिहास में की सरकार बनते ही 5 साल के अंदर 2-4 कॉलेज मुश्किल से खुलती है, पहली बार मुख्यमंत्री बना जब मैं 20 साल पहले पूरे 5 साल के अंदर दो या तीन कॉलेज खोल सके, पिछली बार जब मैं सेकंड टाइम मुख्यमंत्री बना तब हमने 15 -20 -25 जगह खोलने का प्रयास किया था और इस बार हमने सरकार बनते ही लगभग 50 कॉलेज राजस्थान के अंदर एक साथ खोलें, आप सोच सकते हो कितना बड़ा इन्वेस्टमेंट शिक्षा के क्षेत्र में किया गया। खाली घोषणा नहीं हुई है अधिकांश जगह पर कॉलेज आपकी तरह प्रारंभ हो चुकी है यह बहुत बड़ी बात है। इसके लिए मैं प्रदीप बोरड़ जो कमिश्नर है कॉलेज एजुकेशन के इनको में बधाई दूंगा, धन्यवाद दूंगा इन्होंने इंटरेस्ट लिया और फटाफट टीचर लगाएं, स्वीकृत किये, जगह तलाश करी जैसे आपके यहां करी है और कॉलेज प्रारंभ हो गए। सब जगह 1-1 विषय खोले गए हैं राजस्थान भर के अंदर, पर आपके यहां पर तीन विषय एक साथ खोले गए हैं क्योंकि यह मुख्यमंत्री का क्षेत्र है इसलिए विशेष ध्यान रखा गया है और राजेंद्र सोलंकी जी मांग करने लगे हैं की होम साइंस भी यहां पर हो सब जगह एक विषय है और यहां पर तीन विषय हैं फिर भी। देखो मंत्री जी कह रहे हैं कर दो स्टार्ट, मंत्री जी ने कह दिया है तो जल्दी ही आपके यहां होम साइंस भी स्टार्ट हो जाएगी, मंत्री जी के आदेश हो गए तो फिर क्या चाहिए।
शिक्षा के बगैर जीवन में अंधेरा है, मैं बहनों और माताओं को कहना चाहूंगा जमाना बदल गया है आपके हमारे देखते हुए, यहां पर बुजुर्ग बैठे हुए हैं उनको मालूम है कि 40 साल पहले क्या था, 50 साल पहले क्या था राजस्थान क्या था और देश क्या था,मंगरा पूंजला क्या था, जोधपुर क्या था? लोग बिजली क्या होती है वह समझते ही नहीं थे, सुई भी बाहर से आती थी अब आप बिजली देखिए दिन में भी लगा दी गई है अभी तो 5:45 बजे हैं फिर भी बिजली लगा दी गई है, बिना बिजली के किसी का काम नहीं चलता ना तो खेती में चलता है और ना किसी घर में चलता है क्योंकि अब आदत पड़ गई है बिजली से काम चलाने की बिना बिजली कोई काम नहीं हो सकता, इतना बड़ा बदलाव आया है 60- 70 साल में। अब घर घर में पानी आ गया, बिजली घर घर में आ गई, स्कूल मोहल्ले और गांव गांव खुल गई, कॉलेज खुल गई, विश्वविद्यालय खुल गए पहले कोई आगरा, इलाहाबाद या वाराणसी पढ़ने जाते थे लोग राजस्थान के लोग विश्वविद्यालय एक भी नहीं था राजस्थान के अंदर, अब तो 30-40 विश्वविद्यालय खुल गए हैं तो कहने का मतलब है कि बहुत बड़ा बदलाव आ गया है। राजीव गांधी का सपना था कैसे हम 21वीं शताब्दी में जाए तो तैयारी के साथ में जाए की विकसित राष्ट्रों की तरह मुकाबला कर सके और इसीलिए आज मोबाइल फोन आ गए, कंप्यूटर आ गए, रेलवे स्टेशनों पर लाइन की जरूरत नहीं है घर पर टिकट निकलवा सकते हो, बिल जमा करवा सकते हो, कंप्यूटर के बिना किसी का काम चलता नहीं है, मोबाइल फोन के माध्यम से दुनिया मुट्ठी में है सब कुछ दिखता है मोबाइल फोन के अंदर दुनिया भर की जानकारी भरी हुई है गूगल के माध्यम से, क्या नहीं हुआ है। अब तो कोई समाज हो या कोई धर्म के लोग हो आगे वही बढ़ेंगे जिसके परिवार में सब लोग शिक्षित होंगे, यह दिमाग में रखे बिना शिक्षा के कोई परिवार या समाज आगे नहीं बढ़ सकता इसलिए यह प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए सब समाज के अंदर, सब परिवार में की किसके बच्चे ज्यादा पढ़े। बच्चों का फ्यूचर बहुत ब्राइट हो गया आजकल इसलिए हमारी सरकार ने तय किया है कि कैसे जाल बिछाए, कोचिंग क्लासेज खूब चल रही है वह कमर्शियल भी है, सरकार चाहेगी कि हम धीरे-धीरे कोचिंग क्लासेज भी शुरू करें कि गरीब बच्चे और मध्यम परिवार के हैं उनको फीस नहीं देनी पड़े। सीकर, जयपुर, जोधपुर में बहुत भयंकर कोचिंग क्लासेस चल रही है, वह लोग बहुत ज्यादा फीस लेते हैं गरीब परिवार अफोर्ड नहीं कर पाते हैं, उनको भी चाहिए कि शिक्षा में और स्वास्थ्य सेवाओं में मैं बार-बार कहता हूं शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में नफे वाली बात नहीं होनी चाहिए, यह 2 वर्ग ऐसे हैं शिक्षा का और स्वास्थ्य सेवाओं का संविधान की मूल भावना भी है इनमें पैसे कमाने की नियत किसी की भी नहीं होनी चाहिए, नो प्रॉफिट नो लॉस ज्यादा से ज्यादा बाकी आप अपनी खुद की तनख्वाह लेते हैं वह खूब है पर उसके लिए कमाई का साधन नहीं बनना चाहिए, पर बने हुए हैं। बड़े बड़े अस्पताल है एक-एक दिन के 20-20 हजार रुपये लगते हैं इलाज के, लगाते हैं लोग चले जाते हैं, सरकार ने उसके लिए भी दवाइयां फ्री कर दी, टेस्ट फ्री कर दिए अब लागू कर दिया हमने आयुष्मान भारत की जो योजना थी उसको मिला दिया महात्मा गांधी बीमा योजना से, भामाशाह योजना खत्म कर दी उसमें बहुत बड़े करप्शन हो रहे थे। इस रूप में शिक्षा के क्षेत्र में चाहता हूं पूरे राजस्थान में अच्छी कोचिंग मिले बच्चों को, लड़के और लड़कियों को, कॉलेज अधिक से अधिक खुले, विषय सब हो जो वहां के स्टूडेंट की मांग हो। जोधपुर शहर देश का एकमात्र शहर होगा जहां पर सब संस्थाएं एक साथ में है ऐसी संस्थाएं पूरे देश में मुंबई, दिल्ली में भी नहीं होगी।
इस बार राजस्थान के अंदर शानदार मानसून आया आप सभी प्रदेशवासियों को बहुत बधाई, इसलिए मैं आपको इतना ही कहना चाहूंगा कि जोधपुर का विकास बहुत तेज गति से हो रहा है। इंदिरा गांधी कैनाल का पीने का पानी आ गया राजीव गांधी के कारण से आपको मालूम है, आज जोधपुर राजस्थान में 5-6 शहरों की श्रेणी में आता है जहां पीने के पानी की कोई प्रॉब्लम नहीं उपलब्धता पूरी है, अगर कमी है तो डिस्ट्रीब्यूशन की हो सकती है उसके लिए हमने बड़े बड़े डैम की तरह बनाए हैं, टैंक बनाए हैं उसका लाभ मिलेगा पूरे इलाके के लोगों को कुछ काम हुआ है और कुछ बाकी भी है, करने के आदेश दे दिए गए हैं लगभग 1000 करोड रुपए की स्कीम थी वह हमने पूरी करवाई है और आगे भी मैं चाहूंगा कि पानी की योजना हो या बिजली की, 400 केवी और 220kv के लग गए जोधपुर के अंदर चारों ओर से जो विकास होना चाहिए पानी में, बिजली में, शिक्षा में, स्वास्थ्य सेवाओं में। पिछली बार जब मैं मुख्यमंत्री बना तभी हम ने अस्पतालों में बड़ी-बड़ी योजनाएं लागू करी, बड़ा इन्वेस्टमेंट किया सरकार चली गई तो वह काम रुक गए, बाकी इस बार मैंने फिर बजट पेश किया तो उनके लिए प्रावधान किए हैं किस प्रकार से जोधपुर के अंदर स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी से अच्छी बन सके। इस रोग में चहुमुखी विकास जोधपुर में कैसे हो इस दिशा में हम लोग काम कर रहे हैं और बदले की भावना से हम लोग काम करते नहीं हैं। पिछली सरकार ने तो रिफाइनरी को बंद कर दिया और 5 साल बर्बाद कर दिए, ब्रॉडगेज आ रही थी हमारे आदिवासियों में बांसवाड़ा डूंगरपुर में उस काम को बंद करवा दिया, करौली टोंक बांसवाड़ा में रेल आ रही थी वह काम बंद हो गया और तो और आप कल्पना कीजिए अभी राजेंद्र सोलंकी जी बोल रहे थे एक कॉलेज खोली खाली चैनपुरा के अंदर लड़के लड़कियों की आज तक मैंने सुना नहीं कभी कि इतनी कोई सोच हो सकती है किसी सरकार की, उस कॉलेज को उसी शहर में 1 विधानसभा क्षेत्र से दूसरे विधानसभा में शिफ्ट कर दो यह मैंने आज तक कभी सुना नहीं। उस वक्त हमने कहा था हम विपक्ष में थे जोधपुर संभाग की, पूरे मारवाड़ की उपेक्षा हो रही है इसीलिए कहा जो हमारी योजनाएं थी वह सब ठप कर दी गई, रिफाइनरी किसे कहते हैं 40000 करोड का प्रोजेक्ट है वह, लाखों लोगों को रोजगार मिलता वह बंद कर दिया गया, कॉलेज सरदारपुरा से सूरसागर में शिफ्ट कर दी गई अभी राजेंद्र सोलंकी ठीक कह रहे थे जैसे हमने कॉलेज खोली वैसे एक कॉलेज और खोल देते जोधपुर में तो क्या हो जाता, क्या तुक था शिफ्ट करने का? मुझे बहुत दुख हुआ उस वक्त तो हमने कहा कोई बात नहीं हमने धैर्य रखा. जोधपुर शहर का, जोधपुर जिले का, मारवाड़ का जो आज भी प्रेम है आपस में और भाईचारा है, आपस में चाहे कोई भी जाति बिरादरी के हो कोई भी पॉलिटिकल पार्टी के लोग हो बातचीत करने के लिए खुलापन है यहां पर मैंने महसूस किया पूरे मुल्क में घूमने के बाद भी, इसलिए हमने उसका कोई विरोध नहीं किया सरकार जो करेगी वह भरेगी वह दिमाग में रखा, किया जो भरा आखिर में लोग समझ गए मारवाड़ के आज यहां 6 सीटें आई है जोधपुर में लंबे अरसे के बाद में पहली बार आई है। तो मैं कहना चाहूंगा अब सरकार आपकी है और जिस प्रकार आपने जब से मुझे एमपी बना कर भेजा है, पांच बार एमपी बनाना बड़ी बात थी। इस क्षेत्र में जहां मैं खड़ा हूं वहां बचपन से आता हूं, मेरे पिताजी जब नगर परिषद में चेयरमैन थे, उपाध्यक्ष थे तब से मैं आता हूं यह वार्ड उन्हीं का था तब से मैं आता हूं, यह मेरे परिवार की तरह का वार्ड है मुझे यहां आकर के सुकून मिला है, अच्छा लगा है कि यहां पर आप सब लोग मौजूद है। मगरा के अंदर बड़े लंबे समय के बाद में इतनी बड़ी मीटिंग हुई है इस बात का मुझे एहसास है और आप सब लोग बड़े प्रेम लाड कोड से आए हो, मैं आप सब के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं तमाम छात्राओं को बधाई देता हूं और उनके और उनके पूरे परिवार जनों के प्रति मेरी शुभकामनाएं हैं और उम्मीद करता हूं कि यह कॉलेज आने वाले वक्त के अंदर रिजल्ट अच्छा लाकर पूरे जोधपुर और राजस्थान के अंदर नाम ऊंचा करेगा, यह हमारा सपना होना चाहिए उसे ढंग की पढ़ाई होनी चाहिए यह हमारा प्रयास रहेगा और डिपेंड करेगा आप सबके ऊपर की किस प्रकार की पढ़ाई हो रही है किस प्रकार के टीचर पढ़ा रहे हैं उसका थोड़ा ध्यान आपको भी रखना पड़ेगा।अभी मैं आया था भगवान सिंह परिहार साहब के नामांकन के अवसर पर तब मुझे वहां कहा गया कि माता का थान, मांगीलाल जी तो नहीं रहे वहां पर जो हमारे बड़े बुजुर्ग थे परंतु उनका परिवार अभी भी लगा हुआ है मंदिर की सेवा करने में मिलते रहते हैं, सबकी इच्छा थी पूरे मोहल्ले वासियों की स्कूल को सेकेंडरी से सीनियर सेकेंडरी कर दे उसी दिन मैंने आदेश जारी करवा दिए, स्कूल सीनियर सेकेंडरी हो गई और यह वहां की बच्चियां आई हुई थी मुझे अच्छा लगा कि वह यहां तक आई है मेरी शुभकामनाएं पूरी छात्राओं के साथ में है मैं उम्मीद करता हूं कि वह स्कूल भी बड़ी कामयाब होगी। अंग्रेजी स्कूल जो महात्मा गांधी का 150 वां वर्ष चल रहा है देश के अंदर, हम लोगों ने राजस्थान सरकार ने तय किया सरकार बनते ही क्योंकि पिछले साल पूरे वर्ष भर इलेक्शन चलते रहे, जिस रूप में 2 अक्टूबर जो महात्मा गांधी का अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस है वह महापुरुष जिन्होंने पूरी दुनिया में एक संदेश दिया सत्य और अहिंसा का के जन्म दिवस के उपलक्ष में 150 वर्ष हुई है तो हमने हमने देखा पूरी ढंग से मना नहीं पाई सरकार है, तो राजस्थान सरकार ने तय किया है 1 साल और राजस्थान में कम से कम महात्मा गांधी के नाम तक शानदार छात्रों तक, गांव तक, गरीब तक और ढाणी तक बात जाए। उन्होंने कहा मेरा जीवन ही मेरा संदेश है और उस वक्त के साइंटिस्ट आइंस्टीन ने कहा था कि आने वाली पीढ़ियां विश्वास ही नहीं करेगी कि हाड मास का एक आदमी इस धरती पर चला भी है, तो हमारा सौभाग्य है कि महात्मा गांधी हमारे मुल्क के हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को संदेश दिया तो आज 150 वर्ष के उपलक्ष में शिक्षा विभाग ने तय किया के जमाना बदल गया है हिंदी के साथ साथ में इंग्लिश भी पढ़ाई में पीछे नहीं रहे क्योंकि हम सब पीछे रहे हुए हैं उस जमाने में बचपन में देखते थे दक्षिण के अंदर आंदोलन होते थे हिंदी के खिलाफ में, उत्तर में आंदोलन होते थे इंग्लिश के खिलाफ में तो हम लोग भी इंग्लिश को उस रूप में पढ़ नहीं पाए और महसूस करते हैं आज पूरे मुल्क और दुनिया के अंदर अपनी भाषा के साथ साथ में इंग्लिश भी जरूरी है, रसिया है, चाइना है, जर्मनी है, जापान है यह अपनी भाषाओं में काम चलाते थे अब धीरे-धीरे चाइनीज के साथ में इंग्लिश पढ़ना पड़ता है वहां के लोगों को भी। वह समझ गए पूरी दुनिया के मुल्कों से जुड़ना है तो इंग्लिश लैंग्वेज कॉमन लैंग्वेज हो गई है विश्व की उसके साथ में हमें जाना पड़ेगा। उसी सोच के साथ में हमने देखा देश के अंदर भी तमाम राज्य में कई जगह इंग्लिश है, तेलुगू ,तमिल मलयालम,मराठी ,गुजराती, बंगाली सब भाषाएं है हमारी खूबसूरती इसी में है अनेकता में एकता वाला मुल्क है। इंदिरा गांधी की जान चली गई हो चाहे राजीव गांधी जी शहीद हो गए हो पर मुल्क को एक और अखंड रखा खाली स्थान नहीं बनने दिया यह हमारी त्याग की एक लंबी कहानी है। इसलिए देखा कि इंग्लिश भी जो है 1 जिले में एक स्कूल खुल जाए पहले कम से कम इंग्लिश मीडियम की, इसका मतलब यह नहीं हुआ कि खाली इंग्लिश पढ़ो वहां पर मैं बच्चों को कहना चाहूंगा पहले हिंदी फिर इंग्लिश, हिंदी पढ़ो साथ में इंग्लिश भी पढ़ो जिससे कि आपका ज्ञान बढ़े। आज दुनिया में जो माहौल बन गया उसमें नॉलेजी ही पावर है, नॉलेज जिसके पास में है वह पावरफुल है तो जरूरी है कि हम लोग अपनी नॉलेज को बढ़ाएं जनरल नॉलेज को बढ़ाएं, इंटरनेट के अंदर आप अच्छे-अच्छे आर्टिकल पढ़ सकते हो, जो बच्चा पड़ेगा वही जिंदगी में कामयाब होगा यह मेरा मानना है इसलिए मैं लंबी बात नहीं करता हुआ। मुझे खुशी है कि आप सब यहां पर पधारे और हमारे सब साथी आए हैं यहां पर और मैं आप सब का आह्वान करूंगा कि आप लोग संकल्प लेकर जाएं यहां से, मैंने एक नारा दिया था 20 साल पहले पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ दूसरी बार मुख्यमंत्री बना तो मैंने दो बातें और जोड़ दी वृक्ष लगाओ और बेटी बचाओ। बेटी बचाओ जोरदार ताली बजाओ आप लोग, बेटी की बात कह रहा हूं तो धीरे से ताली बजा रहे हो तो बेटियां बचनी चाहिए आप जानते हो कि इसके लिए कानून बन चुका है भ्रूण हत्या नहीं होनी चाहिए यह दिमाग में रखो। हमारे देश की महान संस्कृति और संस्कार रहे हैं उसमें महिलाओं का वही महत्व है जो पुरुषों का है और पुरुष प्रधान देश ऐसा बन गया है कि महिलाओं को दबा के रखा है पर हमें गर्व है कि हमारी नेता सोनिया गांधी हमेशा बात करती है कि महिलाओं को जैसे राजीव गांधी ने आरक्षण दिया, महिलाओं को सरपंच, प्रधान, पार्षद, प्रमुख, नगर निगम में चेयरमैन उसी ढंग से सोनिया गांधी चाहती है कि पार्लियामेंट के अंदर भी और असेंबली के अंदर भी महिलाओं को आरक्षण हो और वास्तव में आरक्षण कभी हो गया तो मुझे जो सीट मिली हुई है सरदारपुरा कि उसका क्या होगा मुझे नहीं पता। पर महिलाएं बहुत होशियार हो गई है आजकल पहले घुंघट निकाल कर के आती थी पंचायत का काम करने के लिए, धीरे-धीरे वह घुंघट ऊपर आ गया है और वह अपना काम खुद संभालती है पति के भरोसे नहीं रहती है, पहले पति के भरोसे रहती थी इसलिए कई बार हम लोग जाते थे मीटिंग में तो महिला नीचे बैठी हुई होती थी और उनका पति आ करके कहता कि मैं सरपंच हूं पर बाद में मालूम पड़ता है कि जो पास में बैठा हुआ है वह सरपंच नहीं है पत्नी तो नीचे बैठी हुई है और जो ऊपर बैठा हुआ है वह सरपंच पति है, तो मैंने कहा आपने कब से सरपंच पति, प्रधान पति, प्रमुख पति की पोस्ट क्रिएट कर दी है? पर धीरे-धीरे महिलाएं कहने लगी पति को आप घर जाओ मैं सरपंचाई कर लूंगी। उमेद सिंह जी बैठे हुए हैं यहां पर उनसे पूछो भाई आप क्यों बैठे हुए हो आप क्या हो, आपको तो नीचे बैठना चाहिए था, आपकी पत्नी जो है वह एमएलए हैं तो विधायक पति की पोस्ट कब से क्रिएट हो गई यह मेरे समझ में नहीं आता। जहां देखो उमेद सिंह जी मौजूद रहते हैं यह तरीका गलत है, आपको आना है तो हम आपके लिए छूट दे सकते हैं पत्नी आपकी विधायक महोदय साथ होगी तब हम आपको ऊपर बिठा सकते हैं। यही बात करता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं धन्यवाद जय हिंद।