13 Aug 2017
आज अंगदान दिवस है। अंगदान की मुहीम से मेरा जुड़ाव पिछले काफी समय से रहा है, जयपुर सिटीजन फोरम जिसका कि मैं चेयरमैन हूँ, इस संस्था एवं मोहन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में हमने अनेक मामलों में मरीज के परिजनों की कॉउन्सिलिंग, ग्रीन कॉरिडोर बनवाकर अंगों को आवश्यक जगहों पर भेजा है जिससे ये किसी के काम आ सकें। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख लोग अंगों की कमी की वजह से अपनी जान खो देते हैं, 2 लाख लोगों की मृत्यु ह्रदय सम्बन्धी एवं 50 हजार लोगों की मृत्यु लिवर सम्बन्धी बीमारियों की वजह से होती है। लगभग 1 लाख 50 हजार लोग किडनी ट्रांसप्लांट का इन्तजार करते हैं लेकिन उनमें से केवल 5 हजार लोगों को ही किडनी मिल पाती है। अंगदान करने वाला व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन में नया उजाला ला सकता है। - अंगदान किसी भी धर्म, उम्र, लिंग के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। अंगदान का क्राइटेरिया उम्र नहीं बल्कि स्ट्रिक्ट मेडिकल गाइडलाइन्स हैं। - कोर्निआ, हार्ट बल्ब्स, त्वचा एवं हड्डियां स्वाभाविक मौत होने पर किसी को भी डोनेट की जा सकती हैं लेकिन ह्रदय, लिवर, किडनी, फेफड़े, अग्न्याशय केवल ब्रेन डेड होने पर ही दान किये जा सकते हैं। - जिनके अंग खराब हैं, अथवा जो ट्रांसप्लांट का इन्तजार कर रहे हैं उन्हें ब्रेन डेड व्यक्ति का ह्रदय, लिवर, किडनी, फेफड़े, अग्न्याशय आदि लगाए जा सकते हैं जिससे वे पुनः स्वस्थ हो जाते हैं। - 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को अंगदान करने के लिए पेरेंट्स अथवा गार्डियन की सहमति आवश्यक है। आज सायं 5 बजे सेंट्रल पार्क, जयपुर में अंगदान पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, आप भी उसमें शामिल हो सकते हैं। अंगदान पर जानकारी के लिए सरकार द्वारा एक हेल्पलाइन भी शुरू की जा चुकी है, जिसका नंबर 1800 -11-4770 है एवं विस्तृत जानकारी के लिए आप www.notto.nic.in पर भी जा सकते हैं।अंगदान जीवनदान है, मृत्यु के बाद भी यदि हमारे अंग किसी और के काम आ सकें तो मरकर भी अमर हुआ जा सकता है। आइये मानवता की सेवा में आज ही अंगदान का संकल्प लें।