08 Oct 2019
जोधपुर में समाजसेवी स्व. भगवान सिंह परिहार मार्ग के लोकार्पण समारोह को संबोधित किया। आमजन की सेवा ही मेरे जीवन का एकमात्र एजेंडा है और गांधीजी के वचन मेरे जीवन का ताबीज हैं। इसी कारण मैं पूरे आत्मविश्वास से काम कर पा रहा हूं। मुझे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का यह कथन हमेशा याद रहता है कि 'जब भी कोई निर्णय करें तो गरीब को ध्यान में रखकर कि उस निर्णय से गरीब पर क्या असर होगा।' मानवता को समर्पित स्व. भगवान सिंह परिहार के काम से उनका नाम लोगों के दिलों में बसता है। स्व. परिहार ने करीब एक हजार निराश्रित बच्चों को पाला-पोषा, पढ़ाया और उनका विवाह किया। स्व. परिहार का जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन अपनी मेहनत व उद्यम के कारण वे विरले लोगो में शुमार हैं। उनके नाम से मार्ग का नामकरण होना पीढ़ियों तक प्रेरणा देगा। जीवन क्षणभंगुर है, इसलिए स्वार्थ के लिए झगड़ना उचित नहीं है। वही समाज तरक्की करता है, जहां प्रेम व अपणायत हो। स्वार्थ जीवन की शांति छीन लेता है। स्व. भगवानसिंह जी का जीवन हमें निस्वार्थ भाव से सेवा की प्रेरणा देता रहेगा। यहाँ उपस्थित संत ललित प्रभ ने माता-पिता की सेवा के लिए संत बनना स्वीकार किया। मैं प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर सदैव खरा उतरने का प्रयास करूंगा। यहां की जनता के आशीर्वाद और स्नेह ने ही मुझे इस मुकाम पर पहुुंचाया है। मुझे हमेशा इसका अहसास रहता है। जोधपुर में जल वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाएगा।