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10 Sep 2019
समाचार सुनने के साथ ही जैसलमेर चला आया। गोवर्धन जी की अंतिम विदाई में। देह पंचतत्व में विलीन हुई, विचार और मूल्य रह गए। देश ने एक सच्चा गांधीवादी विचारक खो दिया। जनप्रतिनिधि आते है-जाते है, जीतते है-हारते है पर विरले ही गोवर्धन जी जैसा सम्मान पाते है। उनके जाने से देश-समाज के साथ-साथ मेरी व्यक्तिगत क्षति भी हुई है।