27 Dec 2019
महिलाओं पर अत्याचार एवं उत्पीड़न किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और आगे भी इसमें किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी। राज्य सरकार जघन्य अपराधों के त्वरित अनुसंधान के लिए एक विशेष यूनिट बना रही है, जो जल्द से जल्द तफ्तीश कर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाना सुनिश्चित करेगी। रविन्द्र मंच सभागार में भारतीय महिला फैडरेशन के 21वें राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। हमारी सरकार ने मॉब लिंचिंग एवं ऑनर किलिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं। केन्द्र से इन्हें मंजूरी का इंतजार है। राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का संकल्प राज्य विधानसभा में पारित किया गया है। महिलाओं के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण से ही समाज विकसित बनता है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं घूंघट छोडे़ं। पुरूष आगे बढ़कर इस प्रथा को समाप्त करने में सहयोग करें। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की। इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पहल पर हुए 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन से महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलना सुनिश्चित हुआ। असहमति का मतलब राष्ट्रद्रोह नहीं है। उन्होंने कहा कि देश को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों की आज और अधिक आवश्यकता है। संविधान की भावना के अनुरूप देश चलना चाहिए ताकि हर व्यक्ति को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय मिल सके। सोशल मीडिया के जरिए आज युवा पीढ़ी को गुमराह किया जा रहा है, स्वस्थ लोकतंत्र की दिशा में यह उचित नहीं है।