05 Aug 2020
कोविड-19 की विकट चुनौती से निपटने में सरकारी और गैर-सरकारी कार्मिकों का तन-मन-धन से जो सहयोग सरकार को मिला है उसी का परिणाम है कि राजस्थान कोरोना की जंग में देश में सबसे आगे खडा है। कोरोना से लड़ाई अभी लंबी चलेगी, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाना जरूरी है। इसके लिए सभी अधिकारी और कर्मचारी समर्पण भाव से कार्य करें। निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कोविड-19 को लेकर संवाद किया। इस दौरान प्रदेशभर से जुडे़ करीब 151 कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा की। संकट के इस समय में ‘राजस्थान सतर्क है’ और ‘कोई भूखा न सोए’ हमारा मूलमंत्र रहा है। करीब 6 माह से हमने जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, उद्यमियों, धर्मगुरूओं सहित समाज के सभी वर्गों से लगातार संवाद कर जो फैसले लिए उससे कोरोना से लड़ने में बड़ी सहायता मिली है। हमने राजधानी से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक इस लड़ाई में लोगों को जोड़ा है। पूरे देश ने कोरोना के खिलाफ हमारे प्रबंधन को सराहा है। जीवन बचाना हमारा पहला कर्तव्य है। हम इसमें धन, संसाधन और प्रयासों की कोई कमी नहीं रखेंगे। राजस्थान पहला राज्य है, जिसने कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे सरकारी और गैर-सरकारी कार्मिकों की चिंता करते हुए उन्हें 50 लाख रूपए के बीमा कवर की सुविधा प्रदान की है। नगरीय निकायों के कार्मिकों के प्रकरणों में भी यह बीमा कवर राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। कोरोना के गंभीर रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी प्रारंभ कर दी गई है। अब तक करीब 115 लोगों को यह थैरेपी दी जा चुकी है। कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे प्लाज्मा डोनेशन के लिए लोगों को प्रेरित करने में अपनी भूमिका निभाएं। बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री रोहित कुमार सिंह, महानिदेशक पुलिस श्री भूपेन्द्र यादव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्री सुबोध अग्रवाल, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक श्रीमती रोली सिंह, शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री हेमन्त गेरा तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।