18 Jun 2018
लहसुन उत्पादक किसानों को प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस रूप में अपने हाल पर छोड़ दिया है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लहसुन की सरकारी खरीद की स्थिति यह है की 27 अप्रेल से शुरू होकर अब तक 4 लाख 40 हजार क्विंटल खरीद लक्ष्य में से मात्र डेढ़ लाख क्विंटल लहसुन ही खरीदा गया है, साढ़े 28 हजार पंजीकृत किसानों में से महज चार हजार किसानों का लहसुन अभी तक खरीदा गया है और दो दिन बाद लहसुन खरीद की अवधि पूरी होने जा रही है। लहसुन गर्मी से ख़राब हो रहा है। लहसुन बेचकर जो पैसे किसान को मिल रहे हैं उसमें उनका खर्चा भी नहीं निकला सकता। ऐसे में किसान बेहद निराशा और अवसाद में आ चुके हैं.... कई किसान इस वजह से मौत को गले लगा चुके हैं, कल भी बारां में गोवर्धनपुरा निवासी किसान श्री द्वारकालाल की सदमे से मौत हो गयी। लेकिन सरकार के कान पर अब तक जूं नहीं रेंगी, हाड़ौती के लहसुन उत्पादक किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं के प्रति सरकार की अनदेखी और असंवेदनशीलता ऐतिहासिक है।