24 Mar 2020
सोशल डिस्टेंसिंग से ही कोरोना से बचा जा सकता है। लॉकडाउन का उद्देश्य यही है कि लोग घरों में रहें। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा नहीं आए। जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के निर्देशों की शत-प्रतिशत पालना हो, नहीं तो हमें मजबूरन कर्फ्यू लगाना पड़ेगा। प्रदेश के सभी जिला कलेक्टराें एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा की। राज्य स्तरीय वॉर रूम की तरह ही जिलों में भी वॉर रूम स्थापित किए जाएं। यह वॉर रूम 24 घंटे कार्यरत रहें और इनमें वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाएं। यह वॉर रूम लॉकडाउन की स्थिति से आमजन को होने वाली परेशानियों का संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ समाधान करेगा। आवश्यक कार्याें के लिए आमजन को परेशान नहीं होना पडे़ इसके लिए परमिट जारी करने की व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन किया जाए। इसके लिए मोबाइल एप अथवा ई-मेल आईडी बनाएं। उन्होंने कहा कि निजी वाहनों की आवाजाही को कड़ाई से रोका जाए। बेवजह वाहन लेकर निकलने वालों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करे। लोगों को घरों में रखना हमारी एकमात्र प्राथमिकता है। गरीबों, फेरी लगाकर अपनी जीविका अर्जित करने वाले लोगों, रिक्शाचालकों, मजदूरों आदि समाज के जरूरतमंद तबकों के लिए जिला कलेक्टर भोजन एवं राशन की कमी नहीं आने दें, इस काम में सेवाभावी संस्थाओं, भामाशाहों आदि का सहयोग लें। जनप्रतिनिधियों पर संकट की इस घड़ी में बड़ी जिम्मेदारी है। वे राजनीतिक सोच से ऊपर उठकर लोगों की मदद के लिए आगे आएं। गरीबों और जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि एक भी इंसान भूखा नहीं सोए। आवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित दुकानों के खुलने पर कोई रोक नहीं है, ना ही उनके लिए कोई समय सीमा निर्धारित की गई है। दुकानें खुलने से सप्लाई चैन सुचारू रहेगी और दैनिक उपभोग की वस्तुएं लेने के दौरान भीड़भाड़ भी नहीं होगी, जो कि लॉकडाउन का मुख्य उद्देश्य है। उपभोक्ता भण्डार की मोबाइल वैन का उपयोग आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए किया जाए ताकि लोगों को बाजार में कम से कम जाना पड़े। लॉकडाउन को प्रभावी रूप से लागू करने का दायित्व पुलिस अधिकारियाें पर है। चूंकि यह लॉकडाउन कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें सख्ती के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए इसकी पालना करवानी है। लोगों को समझाइश करने के लिए माइक लगी हुई गाड़ियों का उपयोग शहरों के साथ-साथ बडे़ कस्बों में भी किया जाए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की कम्यूनिटी स्प्रेडिंग नहीं हो इसके लिए बाहर से आने वाले व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जाए। सरपंच, पटवारी, पार्षद के साथ-साथ स्थानीय लोगों की इस काम में मदद ली जाए। मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता ने कहा कि जिला कलेक्टर लॉकडाउन के कारण पैदा होने वाली स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय ले सकते हैं। आवश्यक सेवाओं से जुडे़ लोगों तथा वाहनों को नहीं रोका जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप ने बताया कि आवश्यक कार्याें के लिए परमिट लेने वालों की सुविधा के लिए मोबाइल एप बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर अनुमति दिखाने वाले लोगों को नहीं रोका जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए बजट जारी कर दिया गया है। उन्होंने गरीब तथा जरूरतमंदों को एक हजार रूपए अनुग्रह राशि देने के सम्बन्ध में भी विस्तृत निर्देश दिए, ताकि किसी को आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पडे़। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि संक्रमण को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाहों का तुरन्त खंडन करें। उन्होेंने जिला कलेक्टरों से कहा कि वे 24 घंटे काम कर रहे चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ का मनोबल बढ़ाएं, साथ ही उन्हें आने वाली परेशानियों का भी तत्काल समाधान करें। पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह ने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि लॉकडाउन को लागू करते समय नागरिकों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के साथ-साथ गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाने में भी सहयोग कर रहे हैं, जो सराहनीय है। इस दौरान सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अभय कुमार, आयुक्त सूचना एवं जनसम्पर्क श्री महेन्द्र सोनी भी उपस्थित थे।