16 Sep 2019
Talked to media in Kota जबसे बरसात का दौर शुरू हुआ है राजस्थान में मंत्री जी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, इस बार राजस्थान के अंदर नॉर्मल से करीब 40% वर्षा ज्यादा हुई है। कई जिलों में बहुत ज्यादा हुई, कई जिलों में थोड़ी कम हुई है और 5 ऐसे जिले हैं जहां पर एवरेज से कम हुई है जिसमें गंगानगर, हनुमानगढ़ अलवर, भरतपुर और करौली भी है बाकी पूरे राजस्थान में एवरेज से ज्यादा बरसात हुई है। बिजली गिरने, दीवार गिरने, पानी में बह जाने से प्रदेश में करीब 54 लोगों की जान चली गयी है, चार पांच लोगों को छोड़कर के करीब-करीब सभी के परिजनों को मुआवजा मिला है, और साथ में कुछ पशुधन की भी हानि हुई है जो बहुत कम है तो जैसे मंत्री जी ने कहा की नॉर्म्स के अकॉर्डिंग सर्वे भी होगा और टाइमली सब को राहत मिलेगी। मैनेजमेंट का जहां तक सवाल है अभी मंत्री जी बोल रहे थे कि मेरे लेवल पर, मंत्री जी के लेवल पर और साथ में चीफ सेक्रेट्री संपर्क में है जिलों में तो है ही है परंतु अभी मध्य प्रदेश और राजस्थान की स्थिति बनी उसको लेकर के मैंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय कमलनाथ जी से बातचीत करी और चीफ सेक्रेटरी वहां के चीफ सेक्रेटरी के संपर्क में है। नंबर दो चीफ सेक्रेटरी भारत सरकार ने भी VC की थी तो एक प्रकार से हम लोग दिल्ली के भी संपर्क में है, मध्य प्रदेश के संपर्क में है राजस्थान के अंदर व्यवस्था के रूप में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे। आज के दौरे का मकसद यही था यह कोई बिहार या असम की तरह कोई फ्लड नहीं है पर क्योंकि पानी बहकर आ रहा है मध्य प्रदेश से वह नुकसान कर सकता है किसी भी हद तक यह 2 दिन पहले ज्यादा चिंता का विषय बना हुआ था पता नहीं धौलपुर का क्या होगा या कोटा की साइड में क्या होगा वह स्थिति फॉर्चूनेटली नहीं बनी है, पानी का स्तर नीचे आने लग गया है बरसात अब और कम हुई है मध्य प्रदेश में उससे उम्मीद करते हैं कि अब कोई संकट नहीं आएगा, उम्मीद करते हैं वैसे फोरकास्ट है अभी भी है कि 48 घंटे में बरसात ज्यादा हो सकती है उसपर हम लोग निगाह रखे हुए हैं। तो चारों ओर से हम लोगों ने ऐसी व्यवस्था करी है और यह हमारा फर्ज है कि ऐसे वक्त में लोगों की हौसला अफजाई भी हो, लोगों को लगे कि सरकार मुस्तैदी से देखभाल कर रही है लोग चिंतित नहीं हो, दूरदराज के गांव है धौलपुर के, कोटा का हो या झालावाड़ का हो, बूंदी का हो उसको क्या पता क्या हो रहा है परंतु मान लीजिए हम लोग आए हैं, सरकार की व्यवस्था देख रहे हैं तो उनको लगता है कि संकट भी आएगा तो सरकार हमारे साथ खड़ी मिलेगी। बच्चे आज वहां पर फंसे हुए हैं टीचर साथ में है तो एक कॉन्फिडेंस उनको भी है कि सरकार की तरफ से पूरी व्यवस्था है, वहां के गांव वालों ने भी अच्छी व्यवस्था करी है खाना पहुंचाने की और लगातार वहां संपर्क में हमारे लोग बने हुए हैं। सवाल: 2 दिन हो गए निकालने की कोई गंभीर प्रयास नहीं हुए... जवाब: अभी मैं बात कर रहा था आप लोगों से की ओर संभावनाओं का पता लगाएंगे क्या हेलीकॉप्टर से संभव है क्या और बच्चों की स्थिति क्या है, पानी हो सकता है आज शाम तक ही उतर जाए तो और बात है अगर ऐसी नौबत आ गई तो हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी सरकार करेगी और बच्चों को शिफ्ट किया जाएगा। सवाल: आज क्या संभावना लगाई गई कि कितना नुकसान यहां पर हुआ है... देखिए वह तो सर्वे जब होगा जैसा धारीवाल जी ने कहा के पहले भी यह डूब क्षेत्र में आता था तो उसमें बरसात का दौर खत्म हो जाएगा तो सर्वे होगा, गिरदावरी गांव में होगी फसलों की जैसे सोयाबीन के बारे में कहा गया है, मोठ के बारे में कहा गया है कोई नुकसान हुआ है तो सर्वे करके जो संभव होगा हम लोग पूरी मदद करेंगे। सवाल: कोई राहत पैकेज करने की घोषणा? जवाब: यह नॉर्म्स बने हुए हैं भारत सरकार के बने हुए हैं, स्टेट गवर्नमेंट के नॉमस बने हुए हैं, नॉर्म्स के अकॉर्डिंग उनको पहले भी कभी कमी आने नहीं दी और अब भी नहीं आने देंगे। सवाल: केंद्र से भी कोई पैकेज मांगा गया है? यह मैंने कहा आपको जब सर्वे होगा तो नेचुरल है कि केंद्र सरकार के पास भी ज्ञापन जाएगा उनसे पैकेज देने की बात की जाएगी, कितना नुकसान हुआ है उसका पहले सर्वे होगा उसके बाद आगे बात बढ़ेगी। सवाल: यहां इंतजाम पर्याप्त है या और कुछ निर्देश दिए हैं? अभी अधिकारियों की मीटिंग करी है सभी लोग पूरी तरह से मुस्तैद है और चाक-चौबंद व्यवस्था की है इन लोगों ने। यहां पर भी कोई जनहानि नहीं हुई है तो मैं समझता हूं कि ओवर आल स्थिति कंट्रोल में है।