Back To Profile
Black Day in Indian Democracy November 8, DeMoDisaster
आज भारतीय लोकतंत्र में काला दिवस है आज से ठीक एक वर्ष पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी जैसा गलत निर्णय थोपकर करोड़ों भारतवासियों के जीवन में निराशा, दुःख, अव्यवस्था एवं परेशानियां भर दीं। देश की अर्थव्यवस्था को ठप्प कर दिया, आम जन-जीवन अस्त व्यस्त कर दिया।
नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया एनडीए सरकार का सबसे बड़ा ब्लंडर थी जिसने देश को भारी नुकसान पहुंचाया.... और सबसे बुरा अनुभव यह है कि इतना बड़ा कदम बिना किसी तैयारी के लिए उठा लिया गया जिसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था और करोड़ों लोग आज भी चुका रहे हैं।
आज विमुद्रीकरण का एक वर्ष पूरा होने पर उस हर गरीब के व्यक्ति के साथ मेरी संवेदनाएं हैं जो इस गलत कदम का शिकार हुए हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के जरिये देश की मुद्रा पर देशवासियों के विश्वास को डिगा दिया, अडामेंट और सनक में लिए गए निर्णय के कारण अर्थव्यवस्था गतिहीन हो गयी।
एक ही झटके में मजदूर, श्रमिक, दैनिक वेतनभोगी, असंगठित क्षेत्र के लोग अपना काम/रोजगार गँवा बैठे, लोगों की रोजी-रोटी छीन गयी.... छोटे उद्यम तबाह हो गए जो आज तक संघर्ष कर रहे हैं.... एनडीए सरकार को इस बर्बादी का अधिकार किसने दिया...??
कोई भी निर्णय सिर्फ तभी नैतिक रूप से न्यायसंगत कहा जा सकता है जिससे लोगों का भला हो। उस कदम या फैसले को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता जिसने जिंदगियों को तबाह किया हो, आम आदमी को परेशान किया हो..... नोटबंदी ने लोगों को बेहद दर्द दिया है।
किसी निर्णय को जबरदस्ती थोपना, आम जन को उसकी मेहनत की कमाई के लिए बेबस कर देना, उसे कतारों में खड़े रहने के लिए विवश कर देना... पैसे की निकासी पर लिमिट लगाना.... बिना राशि के एटीएम... और सकारात्मक परिणाम शून्य निकलना....ये सभी चीजें नोटबंदी जैसे निर्णय के लिए सरकार के प्रति आम जन में आक्रोश भर देती हैं..
नोटबंदी हर उस उद्देश्य में विफल रही है जिसके बहाने से प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री द्वारा इस अतार्किक, अनुचित और गलत फैसले को सही साबित करने की कोशिश की गयी।
#BJPMoneyLaunderingDay #Nov8BlackDay #DemonetisationDisaster #DeMoDisaster #Notebandi #Noteban #DemonetisationFailure