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    19 Oct 2019

    मृदभाषी, मार्गदर्शक, देवतुल्य परम् आदरणीय भाई सा. श्री श्याम जी लश्करी के आकस्मिक देहावसान की सूचना मुझे मुम्बई में रहते हुए प्राप्त हुई, जिसे सुनकर मैं गहरे शोक में डूब गया। उनका यूं हमारे बीच से चले जाना मेरा निजी तौर पर भारी नुकसान है, जिसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। अत्यन्त दुःखभरी इस खबर से लम्बे अन्तराल के पश्चात मैंने व्यक्तिशः तौर पर स्वयं को काफी टूटता हुआ महसूस किया, क्योंकि वह मेरे लिए बड़े भाई समान पारिवारिक सदस्य थे, जिनकी कमी जीवनभर महसूस करूंगा। मैं सर्वाधिक दुःख इस बात का भी महसूस कर रहा हूॅ, कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शीर्ष नेतृत्व द्वारा सौंपी गयी विशेष जिम्मेदारियों के चलते बीते कई दिनों से यहां रहकर अलग-अलग स्थानों का दौरा कर रहा हूॅ, जिसके कारण अन्तिम दर्शन भी नहीं कर सका। शायद यह ईश्वर की कोई मर्जी रही होगी, लेकिन मुझे जीवन के अन्तिम क्षण तक यह बात कचोटती रहेगी। बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व की दृष्टि से धर्म प्रेमी, जीवट पुरूषार्थी, कुशल नेतृत्वकर्ता, निष्ठावान व्यापारिक नेता, परम् आदरणीय भाई सा. श्री श्याम जी लश्करी के आकस्मिक महाप्रयाण की सूचना बारां जिला अन्तर्गत समस्त व्यवसायिक क्षेत्र में हर एक के लिए ‘आकाशीय व्रजपात’ के समान है। यद्यपि भाईसा लश्करी जी ने समग्र समाज एवं बारां व्यापारिक हितों की मजबूती के लिए जीवनपर्यन्त अतुलनीय योगदान किया, जो स्वर्णिम अक्षरों से अंकित रहेगा। उल्लेखनीय यह है, कि उन्होंने कृषि उपज मण्डी बारां में ‘क’ व्यापार संघ का लगातार 12 दफा अध्यक्षीय दायित्व संभाला और विशिष्ठ कार्यों तथा उपादानों से व्यापार संघ को नवाजा। इसके लिए व्यापार संघ उनका सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने व्यापार महासंघ बारां के अध्यक्षीय दायित्व को भी सुशोभित किया एवं श्री अग्रवाल समाज में कई प्रकार की जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक संभाला है। मोटे रूप से देखूं, तो ऐसा व्यक्तित्व कहीं देखने को नहीं मिलता। प्रारब्ध एवं प्रभु की विशेष कृपा दृष्टि है, कि मुझे खुद कई बार उनका वात्सल्यपूर्ण सानिध्य प्राप्त हुआ। मैं समय-दर-समय जब-जब उनसे मिला, उनके भीतर की द्विव्यात्मा के मैंने सहजरूप में दर्शन किये, जिसके अहसास से उत्पन्न ऊर्जा ने मुझे पल-पल रचनात्मक बहुधर्मी जीवन कौशल का अनुभव कराया है। इस अनुभूति को मैं खुद भी कभी भूला नहीं सकूंगा। ईश्वरीय कृपा से मुझे उनके साथ द्विपक्षीय विमर्श के कई अनुभव तथा अवसर प्राप्त हुए। इस दौरान मैंने हर प्रकार की बात उनके साथ साझा की, जिस पर मुझे अमूल्य मार्गदर्शन मिला, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह सब उनके निर्मल अन्तःकरण एवं उदार आचार-विचार का अहोभाव था और मैं इसका ‘बड़भागी’ बन सका, यह मेरे लिये भी पुण्य प्रतिफल के समान है। मेरे सार्वजनिक एवं सामाजिक जीवन के लिए भी भाई सा. लश्करी जी पथ-प्रदर्शक, आर्शीवाद प्रदाता एवं अतिविशिष्ठ सहयोगकर्ता के रूप में सदैव खड़े रहे हैं। मैंने जब कभी संक्षिप्त आग्रह एवं निवेदन किया, वह मेरे लिए हमेशा दौड़े चले आये, जबकि मैं उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के समक्ष अतिसूक्ष्म हॅू। उनका इस प्रकार हम सब के बीच से चले जाना अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। मनुष्य रूप में ऐसी द्विव्यात्मा का जन्म भगवान की विशेष अनुकम्पा से ही संभव होता है। निश्चित रूप से श्रीमंत लश्करी परिवार की पुण्याई एवं भगवान का विशेष प्यार-दुलार रहा है, कि इस घर-आंगन में भाई सा. लश्करी जी ने जन्म लेकर सर्व स्वीकार्य कर्तव्य परायणता का निर्वहन करते हुए मनुष्य देह का सफर कुशलता पूर्वक पूर्ण किया। ऐसी द्विव्यात्मा के श्रीचरणों में सजल श्रद्धांजली अर्पित करते हुए परमात्मा से अभ्यर्थना करता हूॅ, कि दिवंगत आत्मा को सद्गतिपूर्वक गौलोक-बैकुण्ठधाम में विशिष्ठ स्थान हेतु मोक्ष प्रदान करे। इसके साथ ही परम् पिता परमात्मा से यह भी प्रार्थना करता हूॅ, कि वियोग की इस घड़ी में शोक संतृप्त परिवारजन, कर्मचारीगण, व्यापारिकगण, ईष्टमित्रगण, चिर-परिचित किसान भाईयों एवं समस्त शुभचिंतकगणों को सांत्वना एवं सम्बल दे। ओम शान्ति...शान्ति...शान्ति ।। Indian National Congress - Rajasthan Indian National Congress